जाति प्रमाण पत्र सरलीकरण के संबंध में कलेक्टर ने स्कूलों में कैम्प लगाने के दिए निर्देष

COLLECTOR SURAJPUR
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सूरजपुर 12 सितम्बर 2014

जाति प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया को सरलीकृत करने हेतु राज्य शासन द्वारा जारी निर्देश के परिपालन में कलेक्टर श्री जी.आर.चुरेन्द्र ने स्कूलों में कैम्प लगाकर विद्यार्थियों को 10 दिसम्बर तक जाति प्रमाण पत्र जारी करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इस संबंध में कार्यक्रम जारी करते हुए राजस्व अधिकारियों को विस्तृत दिशा-निर्देश दिए हैं।
कलेक्टर श्री चुरेन्द्र ने जाति प्रमाण पत्र जारी करने वाले अधिकारियों को शासन के निर्देशानुसार समय-सीमा में जाति प्रमाण पत्र जारी करने निर्देशित किया है। उन्होंने अधिकारियों को नए निर्देशों के अनुरूप निर्धारित अभिलेखों की उपलब्धता पर सामाजिक प्रास्थिति प्रमाण पत्र जारी करने कहा है। कलेक्टर ने 20 सितम्बर तक सभी स्कूलों में फाॅर्म उपलब्ध कराने तथा पटवारियों की डयूटी लगाने निर्देशित किया है। उन्होंने कक्षा पांचवी, आठवीं तथा हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी के विद्यार्थियों को प्राथमिकता के आधार पर जाति प्रमाण पत्र जारी करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने प्राप्त आवेदनों का तीन तरह से वर्गीकरण करते हुए आदेश पारित करने निर्देशित किया। उन्होंने बताया कि यदि आवेदन अपूर्ण है तो कारण लिखते हुए अलग नस्ती बनाएं जिनके परिवार में पहले से जाति प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया है। उन्हें प्रमाण पत्र जारी करें तथा जिनका नवीन आवेदन है उनका परीक्षण कर प्रमाण-पत्र जारी करें। कलेक्टर ने समय-सीमा में प्रमाण-पत्र जारी करने के निर्देश दिए है।
आवेदक आवेदन पत्र स्वयं या डाक के माध्यम से या च्वाईस सेंटर या सामान्य सेवा केन्द्र के माध्यम से सक्षम अधिकारी को प्रस्तुत कर सकता है।

विद्यार्थियों का जाति प्रमाण पत्र

विद्यार्थियों को जाति प्रमाण पत्र की प्राथमिक एवं सबसे अधिक आवश्यकता को ध्यान में रखकर आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा संबंधित विद्यालय एवं शैक्षणिक संस्थाओं के द्वारा ही आवेदन पत्र उपलब्ध कराए जाने, सक्षम प्राधिकारी को अग्रेषित किए जाने तथा सामाजिक प्रास्थिति प्रमाण पत्र जारी होने के बाद स्कूलों के माध्यम से ही विद्यार्थियों को वितरित किए जाने के निर्देश दिए गए है।

भाई-बहनों को सामाजिक प्रास्थिति प्रमाण पत्र जारी करने के निर्देश

अध्ययनरत विद्यार्थियों का सामाजिक प्रास्थिति प्रमाण पत्र जारी होने के बाद उसी के आधार पर उनके अन्य भाई-बहनो को भी सामाजिक प्रास्थिति प्रमाण पत्र जारी करने के संबंध में निर्देश प्रसारित किए गए हैं। संस्था प्रमुखों को निर्देशित किया गया है कि सामाजिक प्रास्थिति प्रमाण पत्र जारी करने हेतु प्राधिकृत अधिकारी द्वारा विद्यार्थियों को न बुलाया जाए। आवश्यकता होने पर केवल उनके पिता, अभिभावक अथवा पालक को ही बुलाया जाए।

जाति प्रमाण हेतु निर्धारित दस्तावेज

जाति प्रमाण पत्र के आवेदन पत्र के साथ प्रस्तुत किए जाने वाले दस्तावेज निर्धारित कर दिए गए है। निर्धारित दस्तावेजों में शपथ पत्र, पटवारी द्वारा जारी वंशवृक्ष, कटआॅफ डेट (राष्ट्रपतीय अधिसूचना की तिथि अथवा अन्य पिछड़े वर्ग की अधिसूचना तिथि, यथास्थिति) के पूर्व से, छत्तीसगढ़ की भौगोलिक सीमा में निवास करने से संबंधित दस्तावेज, मध्यप्रदेश पुनगर्ठन अधिनियम, 2000 के अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य संवर्ग में आबंटन आदेश तथा कटआॅफ डेट के पूर्व से वर्तमान मध्यप्रदेष की भौगोलिक सीमा में निवास करने से संबंधित दस्तावेज (म.प्र. से छत्तीसगढ़ आए शासकीय कर्मचारियों की संतानों के संबंध में ), इनमें से कोई दस्तावेज- पूर्वजों के राजस्व दस्तावेज (मिसल), जमाबंदी (सर्वे) या गिरदावरी, राज्य बंदोबस्त, अधिकार अभिलेख (1954), जनगणना (1931), वन विभाग की जमाबंदी, नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर (1949), जन्म या मृत्यु पंजी, यदि पिता अथवा पूर्वज षिक्षित थे, तो दाखिल खारिज पंजी, पिता, पूर्वज अथवा रिष्तेदार को पूर्व में जारी प्रमाण पत्र, जहां जाति को प्रमाणित करने हेतु कोई दस्तावेजी प्रमाण उपलब्ध न हो तो ग्राम सभा द्वारा आवेदक की जाति के संबंध में पारित संकल्प तथा आवेदक के पिता का पूर्व वर्ष का आय प्रमाण पत्र ( अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए), डाक टिकट सहित पूर्ण एवं स्पष्ट पता लिखा हुआ लिफाफा आदि।

ग्राम सभा द्वारा जाति के संबंध में पारित संकल्प

प्रावधान किया गया है कि ऐसे लोगों की पहचान कर उनकी जाति तथा कटआॅफ डेट को उनके मूल निवास स्थान के संबंध में ग्राम सभा के समक्ष उनके समाज एवं परिवार के जन्म एवं मृत्यु संबंधी संस्कारों, उनकी जाति की बोली, देवी देवता, गांव या आसपास में रहने वाले लोगों से उनके बेटा-बेटी के संबंधों आदि की जानकारी के आधार पर उनकी जाति तथा कटआॅफ डेट को उनके मूल निवास स्थान के संबंध उद्घोषणा की जावेगी तथा यह उद्घोषणा ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत, तहसील तथा जिला कार्यालय में स्थाई रिकार्ड के रूप में संधारित की जावेगी और उसका उपयोग सामाजिक प्रास्थिति प्रमाण पत्र जारी करने के संदर्भ में किया जा सकेगा।