- जब सुरक्षा में हुयी चूक तो सुरक्षा के लिये जिम्मेदार अधिकारियों का नार्को टेस्ट क्यों नहीं: कांग्रेस
- कांग्रेस के सवालों का जवाब दे भाजपा सरकार: त्रिवेदी
जीरम हमले को सरकार के मुखिया और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों द्वारा लगातार सुरक्षा में हुई चूक और कमजोर पुलिसिंग करार देने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये प्रदेष कांग्रेस के महामंत्री और कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि कांग्रेस ने लगातार तोंगपाल से लेकर जीरम घाटी तक एक भी पुलिसकर्मी की तैनाती न होने के कारण को लेकर सवाल खड़े किये और यह सवाल आज तक अनुत्तरित है। भाजपा सरकार के शीर्ष नेतृत्व और पुलिस विभाग के बड़े अधिकारियों ने लगातार जीरम हादसे को सिर्फ चूक साबित करने में पूरी ताकत झोंक दी है। एनआईए की जांच को बार-बार लगातार बाधित किया गया। जीरम मामले की जांच कर रहे न्यायिक जांच आयोग ने भाजपा सरकार ने डेढ़ साल तक शपथ पत्र दाखिल नहीं किया। जिस सुरक्षा चूक या कमजोर पुलिसिंग को आज सरकार और आईजी कल्लूरी स्वीकार कर रहे हैं, वहीं तो कांग्रेस का आरोप हैं। प्रदेष कांग्रेस के महामंत्री और कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि सुरक्षा में चूक और कमजोर पुलिसिंग की जिम्मेदारी में सरकार और पुलिस दोनों के द्वारा गलती की स्वीकरोक्ति के बाद अब वीआईपी सुरक्षा के प्रभारी बड़े अधिकारियों से लेकर बस्तर और सुकमा जिले के पुलिस अधीक्षकों का नार्को टेस्ट आवष्यक हो गया है। नार्को टेस्ट तो अपराधियों का होता है। सुरक्षा न देने के गुनाहगारों का नार्को टेस्ट हो तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा। प्रदेष कांग्रेस के महामंत्री और कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने आरोप लगाया है कि जीरम मामले में लगातार कांग्रेस नेताओं के नार्को टेस्ट की भाजपा की मांग जीरम के आपराधिक राजनैतिक षड़यंत्र के कवरअप की असफल कोषिष मात्र रही है। जीरम में कांग्रेस नेताओं की शहादत भाजपा के राजनैतिक, आपराधिक षड़यंत्र का परिणाम थी। 2013 के चुनावों में कांग्रेस को सत्ता में आने से रोकने के लिये स्व. नंदकुमार पटेल, स्व. विद्याचरण शुक्ल, स्व. महेन्द्र कर्मा, स्व. उदय मुदलियार, स्व. दिनेष पटेल, स्व. योगेन्द्र शर्मा, स्व. अभिषेक गोलछा, स्व. गोपी माधवानी सहित अनेक कांग्रेस नेताओं की शहादत हुई। भाजपा सरकार ने और पुलिस विभाग ने यात्रा मार्ग से लेकर कार्यक्रम परिवर्तन को लेकर भ्रम फैलाने की भरपूर कोषिष की। परिवर्तन यात्रा के कार्यक्रम संयोजक और वर्तमान में छत्तीसगढ़ विधानसभा प्रतिपक्ष टी.एस. सिंहदेव द्वारा न्यायिक आयोग के सामने दी गयी सुस्पष्ट गवाही के बाद भाजपा के प्रदेष नेतृत्व और जीरम मामले में कांग्रेस नेताओं के लिये जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों के हाथ-पांव फुल गये है और बौखलाहट में इस मामले को उजागर होने से बचाने के लिये फिर से झूठों का नया सिलसिला शुरू हो गया है। प्रदेष कांग्रेस के महामंत्री और कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने चुनौती दी है कि कांग्रेस विधायक दल के नेता टी.एस. सिंहदेव द्वारा पूछे गये सवालों का उत्तर दे दिया जायें तो जीरम के गुनाहगारों की असली तस्वीर आइने की तरह साफ हो जायेगी।
1 नंदकुमार पटेल कभी नक्सलियों के टार्गेट में ही नहीं थे, हमला करने वाले नक्सली पटेल के अलावा उनके बेटे दिनेष पटेल को भी तलाष रहे थें, दिनेष की हत्या की क्या वजह थी?
2 काफिले में महेन्द्र कर्मा के होने का तो नक्सलियों को पता ही नहीं था, फिर हमला किसके लिये किया गया?
3 पटेल अगर टार्गेट थे, तो गरियाबंद में हुये हमले के बाद नक्सलियों ने उनसे माफी क्यों मांगी थी? सैकड़ो माओवादियो की दरभा घाटी में सक्रिय होने की सूचना इंटेलीजेंस को मिलने के बावजूद सुरक्षा के माकूल इंतजाम क्यों नहीं किये गये?
4 परिवर्तन यात्रा के कार्यक्रम के एक हफ्ता पहले ही दरभा क्षेत्र से पैरा मिलिटरी फोर्सेस को हटाया गया था। माओवादियों के मूवमेंट की लगातार जानकारी मिलने के बाद पैरा मिलिटरी फोर्सेस की वापस तैनाती क्यों नहीं की गयी?
5 विकास यात्रा के दौरान बस्तर में पुलिस बल की कार्यक्रम स्थलों में और मार्ग की सुरक्षा के लिये क्या संख्या बल तैनाती थी और परिवर्तन यात्रा के दौरान बस्तर में पुलिस बल की कार्यक्रम स्थलों में और मार्ग की सुरक्षा के लिये क्या संख्या बल तैनात है?
6 स्व. नंद कुमार पटेल पर 20.07.2011 को धुरवागुड़ी से लौटते वक्त हमला किया था फिर भी परिवर्तन यात्रा के सुरक्षा के माकूल इंतजामात क्यों नहीं किये गये?
7 स्व. महेन्द्र कर्मा को माओवादियों से खतरा होने के बावजूद उनकी पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था खासकर बस्तर में क्यों नहीं की गयी?
8 जेड प्लस सुरक्षा प्राप्त महेन्द्र कर्मा की सुरक्षा और जीरम घाटी में रोड ओपनिंग क्यों नहीं की गयी?
9 जीरम घाटी की घटना 25 मई के ही आसपास महेन्द्र कर्मा की सुरक्षा में कम तैनाती क्यों थी?
स्पष्ट रूप से जीरम की घटना एक राजनैतिक आपराधिक षड़यंत्र है।