कोंडागाँव.. जिले के आदिमजाति कल्याण विभाग के हास्टल में बीती रात अचानक आग लगने से 65 छात्राएं एक के बाद एक करके बेहोश हो गई..जिन्हें ग्रामीणों ने किसी तरह अस्पताल पहुँचाया और विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को इस घटना की जानकारी दी..इस समूचे घटनाक्रम में सबसे अहम बात यह रही कि जिस वक्त यह घटना हुई ..उस दौरान हास्टल में एक भी जिम्मेदार स्टाफ मौजूद नही था..जबकि ग्रामीणों ने छात्राओं की चीख पुकार सुनकर उनकी मदद को आगे आये..वही अब विभागीय अधिकारी मामले में कार्यवाही की बात कह रहे है..
ग्रामीण नही करते मदद तब हो सकती थी बड़ी अनहोनी…
जानकारी के मुताबिक कोंडागांव से महज 15 किलोमीटर दूर ग्राम चिपावंड के उमरगांव बीके प्राथमिक कन्या हास्टल में कक्षा पहली से पांचवी तक कि लगभग 65 छात्राएं रहती है..इन सभी छात्राओ की देख रेख के लिए हॉस्टल अधीक्षिका समेत अन्य स्टाफ की नियुक्ति भी आदिम जाति कल्याण विभाग ने की है..मगर सोमवार की सुबह से ही एक भी स्टाफ हास्टल में नही था..तथा रात के समय हास्टल में लगे बिजली के मीटर में शॉर्ट सर्किट होने की वजह से हास्टल में आग लग गई..जिसके बाद हास्टल में कोहराम मच गया..छात्राओ की चीख पुकार सुन हास्टल के आसपास स्थित घरों से निकल ग्रामीण आनन-फानन में हास्टल पहुँचे.. और एक के बाद एक 65 बेहोश हो चुकी छात्राओ को बाहर निकाला गया..जिसके बाद छात्राओ को अस्पताल पहुँचाया गया..जहाँ सभी को उपचार उपरांत छुट्टी दे दी गई है..और उन्हें वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर कुछ ग्रामीणों के घरों में शिफ्ट किया गया है..
वही इस घटना की खबर मिलते ही आदिम जाति कल्याण विभाग के सहायक आयुक्त जीआर सोरी भी रात में ही गांव पहुँचे.. छात्राओ से मुलाकात की..तथा ग्रामीणों की शिकायत के बाद मामले में जांच के बाद दोषियों पर कार्यवाही करने का आस्वासन दिया..
बहरहाल इस घटनाक्रम ने छात्राओ को झकझोर कर रख दिया है..वे बेहद डरी हुई है..और साहब की जांच और फिर कार्यवाही से उन्हें कोई सरोकार नही है..बल्कि वे तो अब किसी तरह अपने घरो की ओर जाने की जिद पर अड़ी हुई है..