अम्बिकापुर
चुनाव की नजदीकियो ने अम्बिकापुर मे पड रही कडाके की ठंड मे भी गर्माहट ला दी है। इस गर्मी को पैदा करने वाले नेता ग्रामीणो की पुरानी पुरानी दिक्कतो के लिए आवाज उठाकर उनका मसीहा बनने की कोशिश कर रहे है। ऐसा ही एक मामला अम्बिकापुर के पीएचई कार्यालय मे सामने आया । जिसमे कांग्रेस नेताओ के गुस्से के शिकार पीएचई के एक अधिकारी ने मीडिया कर्मियो पर ही अपनी भडास निकाल दी ।
नगरीय निकाय के साथ ही अम्बिकापुर मे पंचायत चुनाव की सुगबुगुहाट भी तेज हो गई है। ऐसे मे कांग्रेसी नेता अपना दमखम दिखाना शुरु कर चुके है। इसी दमखम के साथ आज जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 1 से कांग्रेस के संभावित प्रत्याशी राकेश गुप्ता , कांग्रेस जिला अध्यक्ष अजय अग्रवाल ,, रजपुरी खुर्द की ग्रामीणो महिलाओ के साथ रामानुजगंज चौक स्थित पीएचई दफ्तर पंहुचे। इस दौरान ग्रामीण महिलाओ ने अपने गांव के कच्चे कुंए और हैण्डपंप का दूषित पानी लेकर कार्यालय पंहुची थी। जिसे वो और उनके बच्चे रोजाना इस्तेमाल करते है।
गांव के हैण्डपंप से निकलने वाले दूषित पानी और कच्चे कुंए का गंदा पानी पीने की समस्या वैसे तो बहुत पुरानी है लेकिन पंचायत चुनाव की नजदीकियो के कारण कांग्रेस इसे हाथो हाथ भंजाना चाहती थी। लिहाजा हैण्डपंप के पानी की जांच कराने और गहराई बढाने की बात कह कांग्रेसियो ने कार्यालय मे जमकर उत्पात मचाया । और तो और कांग्रेस जिला अध्यक्ष ने तो पीएचई के अधिकारी से धक्का मुक्की के साथ गाली गलौच भी की। इधर क्षेत्र से जिला पंचायत का चुनाव लडने की तैयारी कर रहे कांग्रेसी नेता राकेश गुप्ता भी ये माने रहे है कि गांव के लोग वर्षो से ढोढी यानी गांव के कच्चे कुंए का पानी पीने पर मजबूर है।
इधर ग्रामीणो की वास्तविक समस्या के साथ कांग्रेस नेताओ की गाली गलौच सुनने के बाद जब मीडिया के लोग पीएचई के एसडीओ डी.पी.चौदहा के उनका पक्ष जानने पंहुचे। तो साहब ने कई कैमरा पर्सन के कैमरे को छीन कर तोडने का प्रयास किया। लेकिन बाद किसी तरह कांग्रेसियो की दहशत उनके दिमाग से निकली ,, तो साहब ने मीडिया कर्मियो से बात की और ग्रामीणो की समस्या और महिलाओ द्वारा लाए पानी पर संदेह जताते हुए लेबोट्री जांच की बात कही।
अम्बिकापुर के पीएचई कार्याल मे ग्रामीणो के पेयजल संकट की समस्या के अलावा सब कुछ एक नाटकीय घटना क्रम के अलावा कुछ नही था। लेकिन कांग्रेस जिला अध्यक्ष अजय अग्रवाल और कार्यकर्ताओ की अभद्रता के गुस्से के शिकार श्री चौदहा की गुस्से का शिकार उन मीडियाकर्मियो को होना पडा । जो गए तो थे ग्रामीणो की समस्या पर रिपोर्टिंग करने ,, लेकिन उनको पीएचई के साहब की अभद्रता और गुस्से का शिकार होना पडा।