अम्बिकापुर में संचालित गौशाला भी बदहाली की मार झेल रहा है.. दुर्ग जिले में गौशाला में गायो की मौत के बाद हमने अंबिकापुर के गौशाला की स्थित जानी.. कमोबेस यहाँ भी गायो के स्वस्थ के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.. यहाँ गौशाला में गायो को खिलने वाले आहार में फंफूंद लगा पाया गया और जाहिर है की स्टाक पुराना होगा.. इतना ही नहीं इस गौशाला में खाद्यान वितरण के तहत राशन दूकान में वितरित होने वाला अमृत नमक का भंडारण भी देखा गया.. बता दे की इस गौशाला का का उदघाटन स्वयं प्रदेश के मुखिया डॉ रमन सिंह ने किया था..
अंबिकापुर के चठीरमा में संचालित अग्रवाल सेवा सदन के गौशाला में जब हम पहुचे तो वहां गायो के आहार में फंफूंद लगी देखी..और साथ में सरकारी सप्लाई वाला अमृत नमक भी पाया गया… वहा मौजूद कर्मचारी से जब इस सम्बन्ध में सवाल किये गए तो उसने कहा की ऐसा नहीं है.. स्टाक नया है.. कर्मचारी ने बताया की जब गायो की मौत हो जाती है तो उनके शरीर के साथ इस नमक को डाला जाता है.. जाहिर है की मृत शरीर को गलाने के लिए नमक का स्तेमाल किया जाता है… लेकिन क्या सरकारी नमक का स्तेमाल करना सही है..
वही गौशाले की क्षमता से अधिक गायें रखी गई है.. संस्था के संचालक खुद बताते है की एक सेड में तीस गाय रखी जाती है… और गौशाला में 12 शेड बने हुए है लिहाजा इस हिसाब से इस गौशाला में 360 गायो को ही रखा जा सकता है लेकिन वर्तमान में यहाँ 430 गाये रखी गई है.. लिहाजा गयो के आंकड़ो से साफ़ है की गौशाला में गायो को जबरन ठूंसा गया है..
इस मामले में हमने पशु विभाग के उप संचालक से बात की तो उनकी कहानी भी कुछ अलग है.. वो हर सवाल पर अपने बचाव में नजर आये.. और बताते है की वहां पशुओ को रखने की पर्याप्त व्यवस्था है.. जबकी मौजूद आंकड़े कुछ और ही कहते है.. आहार में फंफूद लगने के सवाल पर साहब ने कहा की मैंने तो नहीं देखा है..
बहरहाल दुर्दशा की मार झेल रहे गौशालाओ में इस समय तेजी से साफ़ सफाई चल रही है.. कमियों को छुपाने का प्रयास युद्ध स्तर पर जारी है और ये तब हुआ जब प्रदेश में गायो की मौत के बाद बावला मचा..लेकिन आज भी गायो के आहार में फंन्फूद लगी पाई गई…