अम्बिकापुर
अम्बिकापुर के आरटीआई कार्यकर्ता एंव अधिवक्ता डी.के.सोनी ने प्रदेश के गृहमंत्री रामसेवक पैकरा पर स्वेच्छा अनुदान की राशि का जमकर बंदरबाट करने का आरोप लगाया है,, सूचना के अधिकार से प्राप्त दस्तावेजो के आधार पर किए गए खुसासे मे आरटीआई कार्यकर्ता ने गृहमंत्री पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का भी गंभीर आरोप लगाया है, लेकिन दूसरी ओर गृहमंत्री ने इस आरोपो को साबित करने की चुनौती दी है…
आरटीआई कार्यकर्ता डी.के.सोनी ने अम्बिकापुर के एक निजी होटल मे आज एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया, जिसमे उन्होने आरटीआई के दस्तावेजो के आधार पर प्रदेश के गृहमंत्री रामसेवक पैकरा पर स्वेच्छा अनुदान मे गोलमाल करने का आरोप लगाया है, दरअसल प्रदेश के किसी भी केबीनेट मंत्री को एक वर्ष मे 1 करोड रुपए स्वेच्छा अनुदान दिया जाता है। स्वेच्छा अनुदान के नियमो के मुताबिक विधवा महिलाओ, गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले लोगो की पुत्रियो की शादी के लिए, गरीब व्यक्तियो के बच्चो की शिक्षा हेतु, उपचार हेतु, ग्रामीण क्षेत्र के नाट्य मंडली वाद्ययंत्र , दर्री, साजो समान क्रय के लिए दिया जाता है। लेकिन आरटीआई कार्यकर्ता ने आरोप लगाया है गृहमंत्री ने अपने कार्यकाल मे 70 से अधिक ऐसे लोगो को स्वेच्छा अनुदान दिया है जो इसकी पात्रता ही नही रखते है…
इस खुलासे मे जो बात सामने आई है उसमे गृह मंत्री के हिस्से का स्वेच्छा अनुदान उनकी पार्टी के पदाधिकारी , कार्यकर्ता और संभ्रात व्यक्ति के अलावा अधिवक्ता, गांव के संपन्न व्यक्ति , पार्षद, भजापा मण्डल अध्यक्ष, ठेकेदार के साथ ही शासकीय कर्मचारी भी शामिल है। इतना ही नही स्वेच्छा अनुदान कि राशि एक ही परिवार के सभी सदस्यो को आबंटित की गई है,, इधर इन आरोप से घिरे गृहमंत्री ने अपनी सफाई मे कहा कि जिन्होने आरोप लगाया प्रमाणित करके दिखाए क्योकि स्वेच्छा अनुदान हमारा अधिकार है हम गरीब अमीर किसी को भी दे सकते है….
वही कल से अम्बिकापुर मे भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक आयोजित है और उसके ठीक एक दिन पहले प्रदेश के गृहमंत्री पर स्वेच्छा अनुदान मामले मे गंभीर आरोप ने भाजपा की फिजा मे घबराहट घोल दी है… बहरहाल प्रदेश के दिग्गज मंत्री के खिलाफ प्रेस कांफ्रेस आयोजित कर अनुदान मे हेराफेरी का आरोप लगाने वाले आरटीआई कार्यकर्ता डी के सोनी ने पुलिस अधीक्षक से अपनी सुरक्षा की मांग की है….