जांजगीर चांपा संजय यादव- प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत केंद्र सरकार ने वर्ष 2011 की सर्वे सूची को मान्य किया है। और यही सूची एलपीजी निर्माता कंपनियों को सौंपी गई है। सूची के अनुसार एजेंसी संचालक मौके पर जब सर्वे कर रहे हैं तब दिए गए पते पर हितग्राही नहीं मिल रहे हैं। शहरी क्षेत्रों में इस तरह की शिकायतें ज्यादा आ रही है। जिसे लेकर संचालकों की परेशानी बढ़ गई है। बीपीएल परिवार को मुफ्त में रसोई गैस कनेक्शन देने के लिए केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय ने वर्ष 2011में किए गए आर्थिक सर्वेक्षण के बाद बनाई गई सूची के आधार पर रसोई गैस निर्माता कंपनियों ने सूची अपने एजेंसी संचालकों को दे दी है। शहरी क्षेत्रों में संचालकों को वार्डवार सर्वे करना पड़ रहा है। सूची में शामिल नाम के अनुसार जब एजेंसी संचालकों के कर्मचारी वार्ड में डोर-टू-डोर पतासाजी कर रहे हैं तो हितग्राही मिल ही नहीं मिल रहे हैं। अचरज की बात ये कि पड़ोसी भी नहीं बता पा रहे हैं कि 6 से 7 साल के अंतराल में हितग्राही वार्ड छोड़कर कहां चले गए हैं। मौके पर हितग्राहियों के न मिलने के कारण टारगेट पूरा नहीं होने से एजेंसी संचालकों पर कार्रवाई का खतरा मंडराने लगा है