अम्बिकापुर
प्रतापपुर से राजेस गर्ग
तमोर पिंगला अभ्यारण्य क्षेत्र में हुए हाथियों के आपसी लड़ाई में एक मादा हाथी की मौत हो गई। गज लडाई में मादा हाथी के सीने में गंभीर चोट के निशान मिले हैं। । हाथी का पोस्टमार्टम करने के बाद एलीफेंट रिजर्व डीएफओ की उपस्थिति में इसे दफनाया गया।
यह घटना तमोर पिंगला अभ्यारण्य क्षेत्र के रमछता घुटरा की है। यह जंगल रमकोला से लगभग 22 किलोमीटर दूर धुरिया सर्किल के अंतर्गत आता है । इस जंगल में वर्तमान में 15-16 हाथियों का दल भ्रमण कर रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि 2-3 दिन पूर्व एक ही दल में लड़ाई हुई । पहाड़ के ऊपरी हिस्से में हुए इस लड़ाई में घायल मादा हाथी पहाड़ से कई फीट नीचे गिर कर मौत हुई। मौके का मुआयना करने के बाद एलीफेंट रिजर्व के डीएफओ सीएस तिवारी ने बताया कि घटनास्थल से लगे घुटरी में संभवतः हाथियों के बीच संघर्ष शुरू हुआ था और एक से ज्यादा हाथियों ने मादा हाथी पर हमला कर चोट पहुंचाई। ऊपर घुटरी में यह लड़ाई 100-150 मीटर के दायरे में हुई है, जिससे इस लड़ाई वाले क्षेत्र के कई पेड़ उखड़ गए हैं। घायल अवस्था में मादा हाथी घुटरी से 25-30 फीट नीचे भी गिरी है,जिससे कई पेड़ भी उखड़ गए हैं। फिलहाल पोस्टमार्टम में इसके कई जगहों पर चोट लगने के सबूत मिल रहे हैं। पोस्टमार्टम कर रहे चिकित्सक डॉ.महेन्द्र कुमार पांडेय ने बताया कि मृत हाथी के सिर, छाती, सूंढ़ व जांघ के हिस्सों में खून के थक्के मिले है| मृत हाथी के पोस्टमार्टम से 28 दिसंबर के लगभग इसकी मृत्यु होने की पुष्टि हो रही है।इस हाथी की आयु लगभग 55-60 वर्ष के बीच है | पोस्टमार्टम के उपरांत मादा हाथी के शव को एलीफेंट रिजर्व डीएफओ, एसडीओ ईश्वर कुजूर, रेंजर एसपी सोनी, डॉ. शंभु पटेल सहित ग्रामीणों की उपस्थिति में दफना दिया गया ।