चिरमिरी (ए. खान) काले हीरे की नगरी कहे जाने वाले चिरमिरी नगर का सामुदिक स्वास्थ केंद्र इन दिनों अपनी दुर्दशा पर आसु बहा रहा , सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बड़ा बाज़ार की बदहाल हालत दिनों दिन अच्छी होने की बजाय और बिगडती ही चली जा रही है,पहले साफ़ सफाई का अभाव ,फिर स्टाफ की कमी ,और अब डॉक्टरो की कमी से समूचा नगर परेशान है और समाज सेवी ,जन प्रतिनधियो की ख़ामोशी से नगर आज कराह रहा है पर जनता की चीख़ पुकार से किसी को कोई लेना देना नहीं,अब तो मरीज भी यहां आना नहीं चाहते लेकिन मजबूरी से जब यहां आ जाते है तो ठीक होने के बजाय यहां की गंदगी और बदबू से और भी बीमारी से बीमार पड़ जाते है। वार्ड में मौजूद मरीजों से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि दिन भर में एक बार भी यहां साफ-सफाई नही की जाती है। टॉयलेट की गंदगी और बदबू से मरीजों की हालत खराब रहती है। मरीजों को ओढ़ने-बिछाने के लिए अच्छे चादरों व तकिया की व्यवस्था तक नहीं की गई है। और जो चादर और तकिया दी जाती है उसमें से गंदी बदबू आती है,
वार्ड के सभी पंखे 4 महीने से खराब पड़े हैं, हर बार पूछा जाता है तो हॉस्पिटल स्टाफ के द्वारा बता दिया जाता है कि पंखे बनने के लिए गए हैं पर कब तक बनेंगे इस बारे में कुछ कहने से कतराते हैं कोने में एक पूराना कूलर रखा हुआ है, जो सिर्फ आवाज जोर से करता है पर हवा नहीं दे पाता। भर्ती मरीजों ने बताया कि वह कई दिनों से यहां भर्ती है, लेकिन न तो रात के खाना का पता है, न ही सुबह नास्ते के लिए किसी ने पूछा। भर्ती होने के बाद केवल नर्स ही आती जाति रही है, डॉक्टर तो उन्हें देखने तक नहीं पहुंचे।
जिले में सबसे अधिक आबादी वाला शहर होने के बावजूद भी यहां के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बड़ा बाजार इन दिनों मात्र एक डॉक्टर के भरोसे ही संचालित हो रहा हैं। सुबह के 11.00 बज रहें थे, नीचे वार्ड के बाहर सिर्फ एक डॉक्टर अपनी सेवा दे रहें थे। सप्ताह में कई दिन डॉक्टर को न्यायालयीन कार्यों में तो कई दिन पीएम हेतु समय देना पड़ता हैं। यही कारण है कि प्रतिदिन सैकड़ों मरीज निराश होकर झोला छाप वाह प्राइवेट हॉस्पिटलों में डॉक्टरों से इलाज कराने मैं विवस हैं। जिससे मरीजों की मोटी रकम खर्च हो जाती है,
वैसे तो इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में शासन द्वारा 6 डॉक्टरों की पदस्थापना की स्वीकृति है पर कई वर्षो से यहॉ मात्र दो या तीन डॉक्टर ही अपनी सेवाएं दे रहे है, सूत्रों की माने तो मंगलवार को हॉस्पिटल एक डॉक्टर के भरोसे ही संचालित हो रहा था जबकि बाज़ार का दिन होने से इस दिन सबसे अधिक ग्रामिण मरीज भी अस्पताल पहुंचते है। क्षेत्र में इन दिनों मौसमी बीमारियों के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही हैं। अस्पतालों में ओपीडी40 से 60 तक पहुंच रही है, कभी यह आकड़ा सौ के भी पार होता है। लेकिन अस्पताल में डॉक्टर्स और रोग विशेषज्ञों के स्वीकृत पद खाली होने सहित नर्स स्टाफ की कमी होने के कारण मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इतना ही नहीं अस्पताल में नर्स, महिला सहायक कार्यकर्ता, लेब टेक्नीशियन, रेडियोलॉजिस्ट, चतुर्थ वर्ग कर्मचारी की आवश्यकता हमेशा बनी रहती है। स्वास्थ्य केंद्र में स्थिति ऐसी बनी हुई हैं की हॉस्पिटल पर जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों का न तो ध्यान है और न ही उनके द्वारा सख्त कदम उठाए जा रहे हैं!
इनका कहना है …….
श्याम बिहारी जायसवाल
विधायक मनेन्द्रगढ़ विधानसभा
मैंने इस विषय पर CMHOसे बात की है जल्द ही खडगवा प्रभारी कुजूर बड़ा बाज़ार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का भी प्रभार सम्हालेंगे ,इस से पहले भी स्टाफ की कमी की बात मेरे संज्ञान आई है ,परंतु कार्य की अधिकता के कारण मै सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नहीं पहुच सका ,लेकिन ये बात मेरे ध्यान में है ,मै कल ही वह जा कर जायजा लेता हु और सम्बंधित अधिकारियो को पुनः निर्देशित करूँगा ,व जल्द से जल्द वहा की व्यवस्था दुरुस्त कराने का प्रयत्न करूँगा
के .डोमरु रेड्डी
महापौर चिरमिरी नगर पालिक निगम
आप ने बड़े ही गंभीर मुद्दे पर बात कही है तो मै बताना चाहूँगा की इस सम्बन्ध में प्रभारी मंत्री अमर अग्रवाल और विधायक मनेन्द्रगढ़ से इस पर कई बार माँग की परंतु किसी ने भी इस पर गंभीरता से विचार नहीं किया ,सत्ता में आसीन होने के बाद नगर की जनता की तरफ अब किसी का ध्यान नहीं ,सब अपने अपने कार्यो में मशगूल है ,चुकी डॉ रोहन इ एन टी विसेसग्य है और उनकी जरुरत जिला मुख्यालय में चिरमिरी से कही ज्यदा है !चुकी इतनी बड़ी नगर पालिका होने के बाद भी महिला डाक्टर का न होना अपने आप में ही अस्चर्य का विषय है ,साफ़ सफाई या खस्ताहाल हो चुके पंखो की बात कहे तो लापरवाही की भेट चढ़ चुका है ,मरीजो की मामूली सी बीमारी का भी जहां इलाज न हो पाए उस स्वास्थ केंद्र की व्यथा और उसकी पीड़ा के जिम्मेदार सत्ता में बैठे लोग है ! मौसमी बीमारियों से जहां पूरा चिरमिरी नगर जूझ रहा और शासन की ये लापरवाही से कभी बड़े गंभीर परिणाम भी हो सकते है इस से इंकार नहीं किया जा सकता !
विनय जायसवाल
उपाध्यक्ष चिकित्सा प्रकोष्ठ कांग्रेस
कांग्रेस के शासन काल में ५० बिस्तरों वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थपना की गई थी संभाग की सबसे बड़ी नगर पालिक निगम का होने के बावजूद भी आज तक महिला डाक्टर की पदस्थापना न होना ये बड़ा ही दुर्भाग्य पूर्ण है ,इसके लिए मै यहाँ के जन प्रतिनिधियों की उदासीनता को जिम्मेदार मानता हु ,शासन और सत्ता में होने के बावजूद भी अगर महिला डाक्टर की पदस्थापना नहीं हो रही तो ये हमारे लिए दुर्भाग्य की बात है !यहाँ पर मलेरिया और डेंगू से मौते भी हो चुकी है फिर भी सत्ता धारी नेताओ के कान में जू भी नहीं रेंगती
संजय सिंह
युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष
हमने शासन को पत्र लिख कर इस संबंध में बताया है ,चुकी इतनी बड़ी आबादी वाला शहर होने के नाते यहाँ पर महिला डॉक्टर की पदस्थापना की जानी चाहिए जिसकी हम शासन से मांग करते है ,जी स्टाफ की कमी की वजह से साफ़ सफाई और मेंटेनेस की कमी तो है ,पर जल्द ही हम इस के लिए भी उच्च अधिकारियो से मिल कर जनता की समस्यों को रखेंगे !