चिरमिरी से रवि कुमार सावरे
- जाने आपने मुहल्ले का अधिकार
- मोहल्ला समिति से होने थे विकास कार्य की माॅनीटरिग
मोहल्ला समिति:- नगर प्रषासन के आदेष के बावजूद धरातल पर नहीं उतरा प्रावधान
मप्र नगर पलिका/छ0ग0 नगर पलिक मोहल्ला समिति अधिनियम में मोहल्ला कमेटियों को नगरीय निकायों की आंख कान बताया गया है, लेकिन अफसोस कि यह प्रावधान पूरी तरह कागजों से धरातल पर नही उतर पाया है। ऐसे में शहर का समान विकास नहीं हो पा रहा हैं। निर्माण कायों की गुणवत्ता की माॅनीटरिंग के लिए नगर पालिक निगम द्वारा प्रत्येक वार्ड में मोहल्ला समिति का गठन किया जाना था, लेकिन नगर निगम ने अभि तक वार्डो में मोहल्ला समिति का गठन नहीं किया है। मालूम हो, नगरीय प्रषासन द्वारा मोहल्ला समिति के गठन को लेकर सबसे पहले साल 2006 और उसके बाद 2009 से लगातार नगर निगम एवं नगर पलिकायों को आदेष दिए जा रहें हैं, लेकिन अभी तक समितियों का गठन नही हो सका।
पांच सदस्यीय बनाई जानी थी समिति
नगर पालिका को निर्माण कार्या की माॅनीटरिंग और नए निर्माण कार्यो के सुझाव लेने के लिए के लिए प्रत्येक वार्ड में पांच सदस्यीय मोहल्ला समिति का गठन करना था।
नगर पलिका अधिनियम 1961 के तहत मोहल्ला समितियों को वार्ड में होने वाले निर्माण कार्य की रिपोर्ट परिषद में पेष करने और नए निर्माण कार्यो के संबंध में अपने सुझाव रखने का पूरा अधिकार दिया गया है। नपा. अधिनियम में स्पष्ट हैं कि परिषद मोहल्ला समिति के प्रस्तावों पर विचार कर उचित निर्णय लेगी। यदि मोहल्ले समिति की रिपोर्ट में निर्माण कार्यघटिया होना चहिए बताया गया है तो बिना उसकी जांच कराए ठेकेदार का भुगतान नही किया जाएगा।
नगर पालिका द्वारा नगरीय प्रषासन के कई बार आदेष देने के बाद भी मोहल्ला समितियों का गठन नहीं किया जा रहा है। इसके पीछे दो प्रमुख कारण यह है कि मोहल्ला समितियों का निर्माण कार्यो में हस्तक्षेप बढ़ जाएगा तो अफसरों की कमीषनखोरी बंद हो जाएगी। दुसरा यह कि मोहल्ला समितियों की माॅनीटरिग सख्त होने से नगर निगम के अफसरों की मनमानी नहीं चल पाएगी।
मोहल्ला समिति के ये हैं अधिकार
1. निमार्ण कार्य गुणवत्ता पूर्ण नहीं होने पर मोहल्ला समिति ठेकेदार का भुगतान रोकने की सिफारिष कर सकती है।
2. समिति वार्ड में होने वाले नए निमार्ण कार्यो के संबंध में होने अपने सुझाव नगर निगम की बैठक में रख सकती है।
3. समिति की रिपोर्ट को नगर निगम के अफसरो द्वारा नजर अंदाज किया जाता किया जाता है, तो समिति अपनी रिपोर्ट नगरीय प्रषासन को सीधे भेज सकती है।
4. समिति नगर निगम के सफाई कर्मचारी व पेयजल सप्लाई के प्रभारी के खिलाफ अपना प्रतिवेदन नगर निगम आयुक्त को सीधे सौप सकती है।
इस विषय मे नगर निगम चिरमिरी के आयुक्त एवं महापौर व पाषदों से बात की तो उनका कहना
मनोज कुमार सिंह आयुक्त नगर पालिका निगम चिरमिरी:- जो भी गाइड लाइन नगरीय प्रषासन से मिलेगा उसे अमल किया जाएगा।
डामरु बेहरा महापौर नगर पालिका निगम चिरमिरीः- हमने मोहल्ला समिति का गठन 4 वर्ष पूर्व ही कर दिया है। चुकि प्रदेष मे सब से पहले चिरमिरी में मोहल्ला समिति का गठन किया गया था हा मैं मनता हुॅ कि मोहल्ला समिति संक्रिय नही और इसके पिछे आम लोगो की जागरुकता है।
श्रीपत राय पााषर्द एवं एम0ई0 सी सदस्य नगर पालिका निगम चिरमिरीः- नगर पालिक अधिनियम में वर्णित प्रावधान तथा इसके क्रियान्वयन हेतु शासन के निदेष को अमली जामा पहनाने की प्रथम जिम्मेदारी निगम के सक्षम अधिकारी की होती है। और आज दिवस तक इस प्रकार के गठन को आवष्यक बता कर पाषदों को कभी सूचना नही दिया गया परिणाम स्वरुप मोहल्ला समिति का गठन नहीं अपने मूर्त रुप में नहीं आ पाया।
इमाम पााषर्द एवं नेता प्रतिपक्ष नगर पालिका निगम चिरमिरीः- नगरीय प्रषासन से मोहल्ला समिति गठन को लेकर बार-बार आदेष आ रहें है, लेकिन नगर निगम समितियों का गठन नही कर रही है। क्योंकि नेताओं की कार्यपाणाली पर सवाल उठेगे।