रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कल 10 फरवरी को प्रदेश के नवगठित 28वें जिले गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही का शुभारंभ करेंगे. इसके साथ ही इस क्षेत्र के लोगों की बहुप्रतिक्षित मांग पूरी होगी. मुख्यमंत्री श्री बघेल ने 15 अगस्त 2019 को स्वतंत्रता दिवस के राज्य स्तरीय समारोह में गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले की घोषणा की थी.
नवगठित जिले में तीन तहसील तथा तीन विकासखण्ड गौरेला, पेण्ड्रा और मरवाही शामिल होंगे. जिनमें कुल 166 ग्राम पंचायतें, 222 गांव और 2 नगरपंचायत गौरेला और पेण्ड्रा शामिल होंगी. इस जिले का क्षेत्रफल 1 लाख 68 हजार 225 हेक्टेयर होगा. इस जिले में कुल सिंचित रकबा 6290 हेक्टेयर और कुल असिंचित रकबा 64 हजार 352 हेक्टेयर होगा. इस नवगठित जिले में मरवाही विधानसभा के 200 गांव और कोटा विधानसभा के 25 गांव, कोरबा लोकसभा क्षेत्र के 200 गांव और बिलासपुर लोकसभा क्षेत्र के 25 गांव शामिल होंगे.
ग़ौरतलब है कि गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही क्षेत्र पत्रकारिता में अपनी अलग पहचान रखता है. छत्तीसगढ़ का प्रथम समाचार पत्र ‘छत्तीसगढ़ मित्र’ का प्रकाशन मासिक पत्रिका के रूप में वर्ष 1900 में पंडित माधवराव सप्रे के संपादन में प्रकाशित हुआ था. यह क्षेत्र प्राकृतिक संसाधनों से भरा-पूरा है. खनिज संपदा और औषधीय पौधे यहां की पहचान है. यहां के विष्णुभोग चावल की महक पूरे देश में फैली है. मुख्यमंत्री की मंशा की अनुरूप नये जिले के गठन से प्रशासन जनता के नजदीक पहुंचकर इस क्षेत्र में शासन की महत्वपूर्ण योजना के क्रियान्वयन और त्वरित विकास को मूर्त रूप देने में सक्षम हो सकेगा.