बलरामपुर..(कृष्णमोहन कुमार)..प्रतिवर्ष होने वाले मैराथन दौड़ का आगाज इस वर्ष भी आज से शुरू हो गया है..जिला प्रशासन के द्वारा आयोजित विकासखण्ड स्तरीय मैराथन दौड़ प्रतियोगिता में स्कूली बच्चों समेत कलेक्टर संजीव कुमार झा ने शिरकत की और इस प्रतियोगिता में सम्मिलित होने वाले प्रतियोगियों को बधाई दी..वही जिले में 23 फरवरी को जिलास्तरीय मैराथन दौड़ का आयोजन किया जाएगा..
दरअसल आज सुबह विकासखण्ड स्तरीय मैराथन दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन ग्राम दहेजवार से शुरू हुआ ..और महिला प्रतिभागियों को 5 किलोमीटर तथा पुरुष प्रतिभागियों के लिए 10 किलोमीटर की दूरी निर्धारित की गई थी..आज के इस मैराथन दौड़ प्रतियोगिता में महिला प्रतिभागियों में प्रथम कुमारी प्रियंका सिह, द्वितीय कुमारी पुष्पा, तृतीय स्थान पर कुमारी श्वेता खाखा रही..इसी प्रकार पुरूष वर्ग से प्रथम मनोज सिह,द्वितीय अखलेश,तृतीय स्थान पर द्विवेश रहे..वही मैराथन दौड़ में विजेताओं को प्रथम पुरष्कार के रूप में 1000 नगद,द्वितीय पुरष्कार 500 रुपये,तृतीय पुरष्कार 300 रुपये नगद प्रदान किया गया ..
इस मौके पर जिला पंचायत सीईओ हरीश एस ,जिला शिक्षा अधिकारी बी एक्का,राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा मिशन के उपसंचालक विनोद गुप्ता,जिला खेल अधिकारी मारकुश कुजूर,विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी जय गोविंद तिवारी,सहायक विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी गौरव गुप्ता,जनपद पंचायत बलरामपुर के अध्यक्ष विनय पैकरा,जनपद पंचायत के उपाध्यक्ष भानू प्रताप दीक्षित,विधायक प्रतिनिधि विनोद तिवारी,नगर पालिका अध्यक्ष गोविंद राम,नगर पालिका उपाध्यक्ष नवीन गुप्ता.. व महिला क्लब रंजना झा,डिप्टी कलेक्टर ज्योति बी बैरागी ,पत्रकारगण समेत स्कूली बच्चे मौजूद थे..
मैराथन की कहानी!..
बता दे कि मैराथन शुरू करने की प्रेरणा प्राचीन रोम के सैनिक फिडिपीडेस से मिली.. जिन्होंने फारस पर रोम की जीत की खबर पहुंचाने के लिए एथेंस तक 26 मील की दौड़ बिना रुके लगाई थी..हालांकि जीत की खबर सुनाने के बाद उन्होंने दम तोड़ दिया था..मौजूदा धावक मैराथन में बड़ी तेजी से दौड़ लगाते हैं और एक मील की दूरी पांच मिनट से भी कम समय में पूरी कर लेते हैं..
इथोपिया के अबीबी बिकिला ने 1960 के रोम खेलों में नंगे पैर मैराथन की दौड़ लगाकर स्वर्ण पदक जीता था. लेकिन वर्ष 1969 में एक सड़क दुर्घटना में उन्हें लकवा मार गया था और चार वर्ष बाद उनकी मौत हो गई थी.
वर्ष 1952 के हेलसिंकी खेलों में चेकोस्लोवाकिया के धावक इमिल जेटोपेक ऐसे पहले धावक बने थे जिन्होंने एक ही ओलंपिक में 5000 मीटर, दस हजार मीटर और मैराथन में स्वर्ण पदक जीता था.
महिलाओं की पहली मैराथन वर्ष 1984 के लॉस एंजेलेस ओलंपिक में आयोजित की गई थी जहां अमरीकी धावक जोन बेनोइट ने पहला स्वर्ण पदक जीता था.
मैराथन में विश्व कीर्तिमान बनाने वाले इथोपिया के हेली गेबरसिलासी लंदन ओलंपिक के लिए क्वालिफाई करने के लिए जूझते रहे.
उन्होंने वर्ष 2010 में संन्यास लेने की घोषणा कर दी थी लेकिन चंद रोज बाद ही उन्होंने अपना ये विचार त्याग दिया था.