सूरजपुर (पारसनाथ सिंह) सूरजपुर जिले के सरस्वतीपुर-तिलसिंवां गांव के बीच से गुजरी रेण नदी पर साढ़े चार करोड़ रुपए की लागत से उच्चस्तरीय पुल का निर्माण तो कर दिया गया है। लेकिन कई गांव के ग्रामीणों को अभी तक पक्की सड़क नसीब नहीं हो पाई है। ग्रामीण कई सालों से कच्ची सड़क के पक्का होने का इंतजार कर रहे हैं। दर्ज़नो गाँवो को जिला मुख्यालय से जोड़ने वाला मार्ग आज तक पक्का नहीं हो सका है। लोग कच्ची सड़क पर धूल फांकने को मजबूर हैं। वहीं कच्ची सड़क की वजह से लोगो को परेशानी का सामना करना पड़ रह है। बारिश से सड़क पर कई जगह बड़े-बड़े गड्ढे बन गए है। तो कहीं बड़े-बड़े पत्थर भी बाहर निकल आये हैं। जिससे कभी-कभी छोटी-मोटी दुर्घटनाएँ भी हो जाती है। कच्ची सड़क पर बरसात के दिनों में बड़े-बड़े गड्ढे पड़ने से नाले का रूप ले लेती है जिस पर पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। ऐसे में बच्चों का स्कूल आना जाना भी परेशानी भरा रहता है। साथ ही वर्तमान की स्थिति में इस सड़क पर चलने वाले राहगीरों को धूल-धक्कड़ का सामना करना पड़ रहा है।
व्यस्त होता जा रहा है मार्ग…
पुल बनने के बाद से आसपास के दर्ज़नो गाँवो की जिला मुख्यालय से दुरी तो कम हो गई है। इसलिए शायद यह मार्ग अब व्यस्त होते जा रहा है। इस मार्ग पर हर वक़्त छोटी से लेकर बड़ी गाड़ियों का आवागमन दिन भर बना रहता है! तथा बड़ी गाड़िया चलने से सड़क में धुल भी उड़ते रहते है,, जिससे मार्ग पर चलने वाले राहगीरों के साथ-साथ बाइक सवारों को भी दिक्कत का सामना करना पड़ता है।
शासन-प्रशासन द्वारा नहीं की जा रही पहल…
वहीँ इस सम्बन्ध में स्थानीय भाजयुमो नेताओ एवं ग्रामीणों द्वारा जिले के कलेक्टर एवं पूर्व प्रभारी मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को भी रोड की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा जा चूका है,,लेकिन अब तक इस विषय पर कोई पहल नहीं की जा सकी है। जिससे स्थिति जस की तस बनी हुई है।