जांजगीर-चांपा संजय यादव- खरगोश पालन के लिए लोन का विज्ञापन देखकर पंजीयन कराना एक किसान को महंगा पड़ गया। किसान को लोन तो मिला ही नहीं, बल्कि फार्म हाउस बनाने किए गए १५ लाख रुपए का खर्चा भी बेकार हो गया। लोन देने का झांसा देने वाली कंपनी के संचालक को मामले में पंजीयन की राशि व हर्जाना देने का फैसला उपभोक्ता फोरम ने सुनाया है।
जिले के सारागांव थानांतर्गत ग्राम सरवानी निवासी भोजेंद्र पिता बद्रीप्रसाद धीवर को एक पांपलेट के माध्यम से जानकारी मिला कि शिओम कोनिकल्चर ओपीसी प्राईवेट लिमिटेड कंपनी द्वारा खरगोश पालन के लिए प्रशिक्षण, कच्चा माल उपलब्ध कराया जाता है तथा जरुरत पडऩे पर लोन भी दिलाया जाता है। इस संबंध में भोजेंद्र ने शिवरीनारायण थानांतर्गत ग्राम रिंगनी के भोलाराम कश्यप से संपर्क किया। भोलाराम को उसने बताया कि वह भी खरगोश पालन के लिए इच्छुक है। भोलाराम ने बताया कि संबंधित कंपनी के डायरेक्टर रोशन मिश्रा भोजेंद्र की सहायता कर सकते हैं। पूरा मामला समझने के बाद भोजेंद्र ने भोलाराम को कंपनी में अपना पंजीयन कराने जून २०१५ में २५०० रुपए दिए और प्रशिक्षण उपलब्ध कराने कहा। प्रशिक्षण में खरगोश पालन से संबंधित सभी तरह के सहयोग की बात कही गई। इसके बाद भोजेंद्र ने खरगोश पालन के लिए लोन दिलाने की बात कही, जिस पर उसे बताया गया कि फार्म हाउस अपने खर्च पर बनाना होगा। प्रति यूनिट ३० हजार रुपए के हिसाब से उसे लोन मिल सकता है। भोजेंद्र ने किसी तरह १२ लाख रुपए की व्यवस्था कर फार्म हाउस तैयार कर लिया, जिसका निरीक्षण शिओम कोनिकल्चर ओपीसी प्राईवेट लिमिटेड कंपनी के अधिकारियों द्वारा किया गया और भोजेंद्र को लोन पास होने की जानकारी दी गई। इसके बाद उसे पांच हजार रुपए जमा करने कहा गया। एक सितंबर २०१५ को राशि जमा करने के बाद वह लगातार कंपनी के डायरेक्टर व एजेंट के संपर्क में रहा, लेकिन उसे लोन की राशि नहीं मिली। भोजेंद्र ने वकील के माध्यम से नोटिस भी भेजा, लेकिन उसका भी कोई जवाब नहीं दिया गया, तब उसने उपभोक्ता फोरम में वाद प्रस्तुत किया। उपभोक्ता फोरम द्वारा भी भेजे गए नोटिस का शिओम कोनिकल्चर ओपीसी प्राईवेट लिमिटेड कंपनी के डायरेक्टर रोशन मिश्रा ने कोई जवाब नहीं दिया। वहीं एजेंट भोलाराम ने अपना पक्ष रखते हुए बताया कि वह भी शिओम कोनिकल्चर ओपीसी प्राईवेट लिमिटेड कंपनी द्वारा ठगी हुआ है। सुनवाई के बाद उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष बीपी पांडेय व सदस्य मनरमण सिंह ने फैसला सुनाते हुए शिओम कोनिकल्चर ओपीसी प्राईवेट लिमिटेड कंपनी के डायरेक्टर रोशन मिश्रा को एक माह के भीतर खरगोश पालन के लिए भोजेंद्र को लोन उपलब्ध कराने या उसके द्वारा जमा की गई राशि व्याज सहित लौटाने का आदेश पारित किया है। साथ ही आवेदक को १० हजार रुपए मानसिक क्षतिपूर्ति तथा तीन हजार रुपए वाद व्यय के लिए भुगतान करने कहा है।