इस डर से इस गांव में पांच दिन पहले मनाई जाती है होली..?

कोरिया सोनू_ जिला मुख्यालय से लगभग 15 किमी की दूरी पर स्थित ग्राम अमरपुर जहां पांच दिन पूर्व होली समेत सभी त्योहारों को मनाने की परंम्परा विगत कई वर्षो से चली आ रही है, जिसका अनुसरण ग्रामवासी आज भी करते आ रहे।

होली की इस परम्परा को सुनकर आप चौंक गए न..? यह कोई मजाक नही एक एैसी सच्चाई है जो आज भी इस बात का प्रमाण देती है, भले ही हम कितने भी आगे बढ़ने की बात करते रहे, हम जितनी भी तरक्की की बात करते रहे, पर आज भी आदिवासी क्षेत्र अमरपुर में अंधविश्वास का तानाबाना कमजोर नहीं हो पाया जिसका प्रमाण ग्राम पंचायत अमरपुर में देखा जा रहा है।

अमरपुर का नाम पूर्व में लिटियामार था, गावं में कई दशक पूर्व त्योहरों के समय काफी भयंकर जानलेवा बीमारीयों का प्रकोप रहता था, जिसकी वजह से कई ग्रामवासी और जानवरों की असमय मृत्यु हो जाया करती थी, ग्रामवासी इस समस्या के बारे में वहां के राजा को बतलाया तो उन्होंने वहां के रहने वाले बैगा के साथ मिलकर उस गांव  के ग्राम देवता की पूजा पाठ करवाई और तब वहां के बैगा ने लोगों को बतलाया कि यहां के सभी प्रमुख त्यौहारों को उनके समय से पहले मना लिया जाये और गांव का नाम बदल दिया जाये तो यहां शान्ति बनी रहेगी जिससे गावं में किसी भी तरह का प्रकोप नहीं रहेगा, तभी से यहां के लोग पूर्व गांव का नाम लिटियामार से बदलकर अमरपुर कर दिया और तब से यहां के निवासी पुराने परम्परा को निभाते आ रहे है, जिसकी वजह से समान्य होली से पांच दिन पूर्व ग्राम देवता की पूजा कर देव स्थल में विराजे गौहा ठाकूर, ग्रामीण देवता, सती माता की पूजा करते हैं और होलिका दहन की धूलिवंदन कर राख को उडाते हुए होली का त्योहार मनाते है..