परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप
अम्बिकापुर
अम्बिकापुर मेडिकल कालेज अस्पताल की बड़ी लापारवाही सामने आई है..यहाँ पर पेड़ से गिर कर घायल हुए मरीज की मौत उपचार के आभाव में हो गई है..मरीज की तबियत बिगड़ते देख परिजनों ने वहाँ मौजूद अस्पताल स्टाफ से काफी मिन्नतें की मारीज को देखने के लिए पर अस्पताल का स्टाफ परिजनों को यहाँ से वहा जाने का आदेश दे देकर घुमाता रहा और देखते ही देखते मरीज ने दम तोड़ दिया..मीडिया की दखल के बाद ड्यूटी डाक्टर वहा पहुची और मरीज को मृत घोषित कर अपने फर्ज से चलता कर दिया..फिलहाल मामले में अस्पताल की डाक्टर जांच करने की बात कर रही है।
जिला अस्पाताल अंबिकापुर को भले ही मेडिकल कालेज का दर्जा मिल जाने के बाद यहाँ सुविधाओं और कागजो का बड़ा शिगूफा बन चुका हो लेकिन जमीनी हकीकत जस की तस है यहाँ के स्टाफ की लापरवाही से ना जाने कितनी जाने जाती है तभी तो लोग सरकारी अस्पतालों में जाने से कतराते है..ताजा मामला सामने आया जब मीडिया ने मरीज के जल्द इलाज के लिए अस्पताल के डाक्टरों से गुहार लगाई लेकिन अपनी आदत से मजबूर अम्बिकापुर जिला अस्पताल के डाक्टरो की लेट लतीफी से मरीज ने दम तोड़ दिया.. लेकिन सवाल यह उठता है की अगर वहा मौजूद स्टाफ नर्स अपना फर्ज ईमानदारी से निभाती और मरीज के परिजन को टेबल टेबल ना घुमा कर मरीज को देख लिया होता तो शायद उसकी जान बच जाती..ये सारे आरोप परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लगाए है।
गौरतलब है की बलरामपुर.रामानुजगंज जिला के कुसमी थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम उमको निवासी सरोज कुमार जो 7 फरवरी को सरई पेड़ में चढ़ डंगाल काट रहा था। उसी दौरान वह पेड़ से गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गया था। परिजनों द्वारा युवक को उपचार के लिए अम्बिकापुर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन उपचार के आभाव में युवक सरोज कुमार की मौत हो गई। बहरहाल इस अस्पताल को मेडिकल कालेज का दर्जा तो मिल गया लेकिन अस्पताल में व्यवस्थाओं और सुविधाओं का टोटा अपनी बदहाली की दास्ताँ खुद ही बयाँ कर रहा है..ऐसे में प्रदेश में स्वास्थ सुविधाओं की बेहतरी की बात करना बेमानी ही साबित हो रहा है।
अलका सिंह डॉ मेडिकल कालेज अस्पताल
वही इस मामले में मेडिकल कालेज अस्पताल की डाक्टर ने अपना बचाव करते हुए कहा की मरीज पहले से ही सीरियस था लेकिन अगर स्टाफ की लापरवाही की बात है तो जांच कराई जाएगी
पुष्पा पैकरा नर्स
इलाज में लेट लतीफी करने वाली नर्स से जब हमने बात की तो उन्होंने कहा की मै समय पर इलाज के लिए पहुच गई थी, जबकी मीडिया कर्मी खुद इस बात को लेकर परिजनों के साथ यहाँ से वहा इलाज के लिए भटक रहे थे और लेट लतीफी के चक्कर में उसकी जान चली गई