भैयाथान
“संदीप पाल”
सूरजपुर जिले के ओड़गी विकाशखण्ड के ग्राम पंचायत माडर मुलभुत सुविधाओ से कोषो दूर है। वही यहा रहने वाले लोगो को बिजली ,पानी,सड़क , चिकित्सा जैसी सुविधाओ के लिए तरस रहे है। ग्राम पंचायत माडर में लगभग 1000 की आबादी है। इस ग्राम में ज्यादा तर पण्डो,चेरवा,गुर्जर,राजवाडे,निवासरत है। वही इनकी जीविका महुवा, सरई पत्ता,सुपा,झाड़ू,और खेती प्रमुख है। वही शासन की कई सुविधा इस ग्राम पंचायत में नही पहुच पाई है।
ग्रामीण बताते है की शासन ने भले ही उनके लिए कई योजना बनाई है। लेकिन अभी तक ऐसे कई योजना का लाभ उनको नही मिल पाया है। और अँधेरे में दिया बत्ती की रौशनी में ही जी रहे है। वही ग्राम पंचायत माडर में उचित मूल्य का अपना दुकान नही होने से झोपडी में संचालित कर गरीबो को राशन दिया जा रहा है। और उचित मूल्य का संचालन ग्राम पंचायत कर रहा है। ग्रामीणों ने बताया की भवन के लिए प्रस्ताव दिया गया है। जनपद में लेकिन आज तक राशन दुकान पास नही हुआ है। माडर के आश्रित ग्राम बिलासपुर के ग्रामीण राशन के लिए 4 किमी पैदल माडर आते है। बिलासपुर में रोड नही होने के कारण उनको कई तरह के परेशानियो का सामना कर माडर राशन लेने आना पड़ता है। वही इस ग्राम की सबसे बड़ी समश्या है। पेयजल पानी के लिए बिलासपुर में 300 लोगो के लिए एक भी हैण्डपम्प नहीं है और कुआ ढोढ़ी और नदी ही एक मात्र साधन है। गर्मी के दिनों में कुआ व ढोढ़ी भी सूख जाता है और इनके पास सिर्फ नदी ही सहारा होता है। पानी के लिए इनको प्रतिदिन कड़ी मकस्त करनी पड़ती है। साफ पेयजल के लिए शासन से ग्राम में हैण्डपम्प की भी कोई कोई पहल नही किया गया है। मजबूरन ग्रामीण दूषित पानी पिने को मजबूर है। यहा के ग्रामीण बताते है। की कोई भी अधिकारी और ना ही सरकार का सुराज दल आज तक इस ग्राम की सुध लेने नही पहुचा है।
सड़क की समस्या
बिलासपुर घने जंगलो के बिच में रहने के कारण आने जाने का कोई भी सड़क नही है।सिर्फ पकडंडी ही एक मात्र साधन है।जबकि यह ग्राम वन क्षेत्र के अंतर गत आता है।वही सड़क निर्माण का कार्य वन विभाग का है।वन विभाग भी आज तक सड़क निर्माण के लिए कोई भी पहल नही किया गया है।जिसके चलते ग्रामीणों को जंगली जानवर व कई तरह के दिक्कतो का सामना करना पड़ता है।यहा कारण है।की यहा के ग्रामीण रात में कहि भी आना जाना नही करते है।सड़क नही होने के कारण गाड़ी मोटर भी नही चलता है।और सिर्फ पैदल ही आना जाना करते है।
स्वास्थ की चिंता
माडर में ग्रामीणों के लिए तो उप स्वस्थ्य केंद्र तो है।पर डॉक्टर के नही रहने के कारण यहा सिर्फ कम्पाउण्डर के भरोसे उप स्वास्थ्य केंद्र संचालित किया जा रहा है।वह भी कभी कभार ही रहते है।रात में कभी किसी की तबियत बिगड़ती है। तो उनको 14 किमी भैयाथान सामुदायिक स्वाश्थ्य केंद्र लाया जाता है।बिलासपुर में रोड नही होने के कारण कोई भी स्वाश्थ्य वाहन जैसे महतारी एक्सप्रेस ,108 भी नही आ पाती है।जिशके चलते चारपाई या सायकल ही सहारा रहता है।
बिजली की समस्या
वही बिलासपुर में बिजली नही होने से यहा के लोग आज भी लालटेन युग में जी रहे है। इस रहवासी ग्राम में बिजली विभाग द्वारा कोई भी सार्थक पहल नही किया गया है।जबकि शासन् के द्वारा कई योजना चलाई है।लेकिन किसी भी योजना का लाभ इस आश्रित ग्राम में नही मिल रहा है। वही यहा के नवनिहल बच्चे अभी भी लालटेन व ढिबरी जलाकर पढ़ाई कर रहे है। बिलासपुर के हरानाला में पुलिया नही होने के कारण बारिस में यह ग्राम टापू में तब्दील हो जाता है।जिशसे ग्रामीणों को भारी दिक्कतो का सामना करना पड़ता है।
स्कूल की समस्या
यहा प्राथमिक और मिडिल स्कूल है। पर यहा हाई स्कूल व हायर सेकेण्डरी नही होने के कारण बच्चे आगे की पढ़ाई के लिए 14 किमी भैयाथान जाना पड़ता है।ज्यादा दुरी होने के कारण बच्चे नही जा पाते है।और 5 या 8 तक के बाद पढ़ाई छोड़ देते है।पंचायत भवन ऐसे जगह पे बना है।जहा जाने तक का कोई सड़क नही है।बरसात के दिनों में डाड़ में फशल बो दिया जाता है।तो पंचायत भवन में जाने के लिए कड़ी मकशद करनी पड़ती है।
एस के मरकाम मुख्यकार्यपालन अधिकारी ओड़गी
इस सम्बन्ध में ओड़गी के मुख्यकार्यपालन अधिकारी एस के मरकाम ने कहा की माडर की उचित मूल्य की दुकान के स्वीकृति के लिए प्रपोजल भेजा गया है। स्वीकृति के बाद जल्द काम चालू हो जायेगा। रही पेयजल की बात तो वहा जल्द ही हैण्डपम्प खनन कराया जायेगा। वही बिजली का प्रपोजल देख के भेजा जायेगा ओड़गी के अधिकतर ग्राम क्षेत्रों सौर ऊर्जा से बिजली दिया जा रहा है। बिलासपुर में सौर ऊर्जा से बिजली दी जायेगी। वही रोड की बात तो बिलासपुर वन क्षेत्र में आता है तो रोड वन विभाग ही बनवायेगा।