सूरजपुर (रक्षेन्द्र प्रताप सिंह) – जिस आधार को लेकर केन्द्र सरकार यह आश्वास्त रहती है कि किसी एक व्यक्ति को दो आधार नंबर नहीं प्रदान हो सकता। वहीं इसके उलट एक ही व्यक्ति को दो आधार नंबर अलाॅट हो जाए तो इसे क्या कहेंगे ? निजता का हनन या वैज्ञानिक कारणों अथवा तथ्यों की सीमा समाप्त होना…!!!
प्रदेश के सूरजपुर जिले के भैयाथान जनपद क्षेत्र के ग्राम पंचायत करौन्दामुड़ा निवासी रामचरन को दो आधार नंबर प्राप्त हुए हैं। रामचरन ने जानकारी देते हुए बताया कि इसके कारण वे परेशान हैं। जब जिले में आधार कार्ड बनाने की कवायद हुई तो ग्राम के पंचायत भवन उन्होंने भी अपना आधार पंजीकरण कराया था। जब काफी दिन गुजर गए और उन्हें डाक के माध्यम से आधार कार्ड प्राप्त नहीं हुआ तो वे पटना के किसी आधार ऑपरेटर के पास जाकर पुनः अपना पंजीकरण कराया। इसके कुछ दिनों बाद उन्हें डाक के ही माध्यम से दो आधार कार्ड प्राप्त हुए। दोनों आधार कार्ड में नाम तो वही है पर आधार क्रमांक अलग अलग है। अब जब आधार नंबर को बैंक सहित अन्य स्थानों पर उनका आधार कार्ड मांगा जाने लगा तो वे प्राप्त दोनों आधार कार्ड की छायाप्रति को लेकर वांछित स्थानों पर पहुंचने लगे। इसी बीच जो भी उनका आधार कार्ड देखता है वो भौंचक रह जाता है कि आखिर एक ही इंसान को दो आधार नंबर कैसे मिल गया है?
वैज्ञानिक आधार है आधार का – किसी व्यक्ति का रेटिना और फिंगर प्रिंट संसार में किसी अन्य के रेटिना और फिंगर प्रिंट से मैच नहीं हो सकता है। यह वैज्ञानिकों द्वारा सिद्ध किया जा चुका है तो फिर रामचरन को आखिर कैसे दो आधार नंबर मिला है यह सवाल उठना लाजिमी है।