
आज तक नहीं ठहरे एक भी सैलानी और थ्री टायर मोटल जर्जर हो गया, प्रशासन बैख़बर —————–
कोरिया
बैकुण्ठपुर से J.S.ग्रेवाल की रिपोर्ट
चंद खामियों और सरकार की उदासीनता के कारण सरकारी योजना किस तरह ढेर होती है … इसका जीता जागता उदाहरण कोरिया जिले के थ्री टायर मोटल है । पिछले 10 वर्षो से यंहा का टूटा शीशा, उखड़ी खिड़किया…..और धूल खाते कमरे थ्री टायर मोटल की पहचान बन चुके है…. तो वही ये मोटल शैलानियो की चहलकदमी का मोहताज हो चुका है। लेकिन ना जाने क्यो पर्यटन मंडल और जिला प्रशासन बेसुध है ?
पर्यटक विश्रामग्रह में पिछले 10 सालो में खिड़किया सीसे और दरवाजे की हालत बद से बदहाल हो चुकी है… यंहा के लोगो ने निर्माण के समय आस लगाई थी…. कि मोटेल में सैलानियो के आने और मोटेल में रुकने से आस पास व्यवसायिक क्षेत्र का विकास होगा और लोगो की आमदनी बढेगी…. लेकिन उससे उलट सरकार की नीति नें चंद खामियों के कारण थ्री टायर मोटल खँडहर में तब्दील हो गया है… और पर्यटन मण्डल और सरकार है …. तो नजरे इनायत करती ही नही है ।
