अम्बिकापुर आजादी के सात दशक बाद भी सरगुजा जिले के लुंड्रा विकासखंड अंतर्गत कोरवा व नगेशिया बाहुल्य गांव रीरी एक बेहतर सड़क के लिए मोहताज है। कोरंधा पंचायत से चार किमी पहाड़ी रास्ते पर दो बड़े व दो छोटे नाले से होकर खतरनाक मार्ग से ग्रामीणों को आनाजाना करना पड़ रहा है। इस मार्ग का उपयोग यदि ग्रामीण न करें तो उन्हें धौरपुर व लुंड्रा होकर लगभग 30 किमी सफर तय कर आनाजाना पड़ता है। वर्षो से चार किमी मार्ग के निर्माण व नाले में रपटा पुलिया की मांग की जा रही है, पर शासन ने इस ओर अब तक ध्यान नहीं दिया है। इस दुर्गम मार्ग के नदी, नालों को मोटरसाइकिल चलाकर पार कर क्षेत्रीय विधायक चिंतामणि महाराज रीरी पहुंचे तो लोगों ने उनसे इस चार किमी सड़क को किसी भी तरह बनवाए जाने की गुहार लगाई।
बीमारी में अस्पताल पहुँचने का संकट
सरगुजा जिले में बारिश के दिनों में उल्टी, दस्त व मौसमी बीमारियों के लिए अतिसंवेदनशील माने जाने वाले लुंड्रा विकासखंड के पहाड़ी कोरवा बाहुल्य पंचायत रीरी व पसेना के ग्रामीणों को कई तरह की समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। इस गांव में पहुंचने के लिए लुंड्रा की ओर से असकला होते हुए कोरंधा पंचायत से चार किमी का दुर्गम मार्ग का सामना करना पड़ता है। इस पहाड़ी मार्ग में एक बड़ा मंदरिहा नाला जिसमें वर्ष भर पानी बहता है, इस बारिश के समय नाले में आवागमन काफी मुसीबतों भरा हो चुका है। जान जोखिम में डाल लोग बारिश के वक्त इस नाले को पार करते हैं। इसके अलावे तीन अन्य छोटे-छोटे नाले को पार कर पहाड़ी सड़क से रीरी पहुंचना पड़ता है।
मोटर साइकल से गाँव पहुचे विधायक
इस मार्ग से होकर पहली बार कोई जनप्रतिनिधि मोटरसाइकिल से इन बारिश के दिनों में रीरी पहुंचा। क्षेत्रीय विधायक चिंतामणि महाराज कोरंधा पहुंचे और यहां से एक ग्रामीण की मोटरसाइकिल ले खुद चलाने लगे और खतरनाक मार्ग से नाले के पार कर भारी मशक्कत के बाद रीरी पहुंच सके। यहां पहुंचने पर ग्रामीणों ने उन्हें घेर लिया और समस्याएं बताई। ग्रामीणों ने इस चार किमी सड़क के निर्माण के साथ मंदरिहा नाले में रपटा पुल व छोटे नदी, नालों में पुलिया निर्माण कराने की गुहार लगाई। विधायक चिंतामणि महाराज ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया है कि वे मुख्यमंत्री से मुलाकात कर इस चार किमी की पहाड़ी नाले में पुल, पुलिया व सड़क निर्माण की मांग रखेंगे। विधायक के आश्वासन से ग्रामीणों के चेहरे पर उत्साह तो जगी है,,
बहरहाल उम्मीद बहुत कम है कि रीरी के ग्रामीणों को जल्द कोई राहत मिल पाएगी ,एक दशक पूर्व रोजगार गारंटी से बनी थी सड़क ग्रामीणों के मुताबिक कोरंधा से रीरी तक चार किमी पहाड़ को काटकर एक दशक पूर्व आने-जाने लायक सड़क का निर्माण पंचायत की ओर से कराया गया था, किंतु नालों में रपटा या पाइप पुलिया की कोई व्यवस्था नहीं की गई। लोगों के लिए पैदल आने-जाने हेतु मार्ग तो बेहतर हुआ, पर इन वर्षों में सड़क की हालत कटाव से बद्तर हो गई।
परीक्षण कराया जाएगा – कलेक्टर
वही इस पूरे मामले की जानकारी जिले की कलेक्टर किरण कौशल को बताया गया तो उन्होंने कहा की आपके द्वारा जानकारी प्राप्त हुई है इसे परिक्षण करवाया जायेगा…