जशपुर (मुकेश कुमार सिंगीबहार) फरसाबहार विकासखण्ड क्षेत्र अंतर्गत प्राथमिक शाला टिकलीपारा में सहायक शिक्षक का स्थानांतरण किये जाने पर शिक्षा समिति,एवं अभिभावकों के द्वारा शिक्षक को पुनः स्कूल में पदस्थापना किये जाने के लिये विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी फरसाबहार को ज्ञापन सौंपा गया है।उक्त ज्ञापन में शिक्षक के कार्यप्रणाली एवं शिक्षक के जाने के बाद आये शिक्षक के कार्यप्रणाली में अंतर होने के कारण ऐसा मांग किया गया है। वहीं नये शिक्षक के रूप में पदभार ग्रहण किये गये शिक्षक के उपर भी गंभीर आरोप पहले लग चुके होने कारण शिक्षक के द्वारा पदभार ग्रहण नहीं किया गया जिस कारण विद्यालय में अध्यापन कार्य प्रभावित हुआ है। शिक्षा समिति के द्वारा अभिभावकों के साथ हुये बैठक के दौरान निर्णय भी लिया गया की यदि शिक्षक को पुनः स्कूल में स्थानांतरण नहीं किया जाता है तो वे अपने बच्चों को स्कूल में पढने नहीं भेजेंगे।
ज्ञात हो की फरसाबहार विकासखण्ड क्षेत्र अंतर्गत प्राथमिक शाला टिकलीपारा में विमल टोप्पों को सहायक शिक्षक के रूप में नियुक्त किया गया था। जिसके अध्यापन कार्य से ना सिर्फ बच्चें बल्कि अभिभावकगण भी संतुष्ट थे। लेकिन अतिशेष शिक्षक होने के कारण गत दिनों विमल टोप्पों का स्थानांतरण जोरंडाझरिया किया गया। जिससे यहां मूल पद पर पदस्थ शिक्षक महेन्द्र चैहान को पुनः पदस्थ किया गया। विदित हो की महेन्द्र चैहान के उपर कुछ वर्षों पहले गंभीर आरोप लगने के कारण विभाग के द्वारा प्राथमिक शाला टिकलीपारा से हटा दिया गया था। उक्त मामला अभी भी न्यायलय में लंबित पड़ा हुआ है।विमल टोप्पो के जाने के बाद से महेन्द्र चौहान के द्वारा यहां शिक्षण कार्य अभी नहीं किया गया है। पूर्व में लगे गंभीर आरोप के कारण भयवश स्कूल में अध्यापन के लिये नहीं आने से स्कूल में शिक्षण व्यवस्था चरमरा गई है।
बच्चों के भविष्य को देखते हुये यहां शिक्षक विमल टोप्पों को पुनः स्थानांतरण किये जाने की मांग शिक्षा समिति, एवं अभिभावकों के द्वारा किया गया है। इस संदर्भ में इनके द्वारा विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी एवं मुख्यकार्यपालन अधिकारी फरसाबहार को ज्ञापन सौंपकर शिक्षा व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिये विमल टोप्पों के स्थानांतरण की मांग की गई है, वहीं शिक्षा समिति,शिक्षकगण एवं अभिभावकों के मध्य हुये बैठक के दौरान आम सहमति से निर्णय लिया गया की यदि विमल टोप्पो का स्थानांतरण पुनः टिकलीपारा में नहीं किया जाता है तो वे अपने बच्चों को टिकलीपारा के स्कूल में पढ़ने के लिये नहीं भेजेंगे। और अब सोमवार से अभिभावकों ने बच्चो को स्कूल भेजना बन्द कर दिया गया है ।