गरियाबंद. सरकार से मोटी पगार लेने के बाद भी सरकारी अस्पतालों मे पदस्थ ज्यादातर डॉक्टर अपनी निजी क्लीनिक या अस्पताल संचालित कर रहे हैं. और उनमे अपनी मनमानी या गैरकानूनी तरीके को अपना कर लोगों से मोटी रकम वसूल रहे हैं. ऐसा ही एक मामला जिले मे भी सामने आया है. जिसमे एक सरकारी डॉक्टर के निजी क्लिनिक पर छापा विभाग, पुलिस और प्रशासन ने संयुक्त रूप से छापा मारकर अवैध रूप से प्रसव कराने का बहुत से उपकरण जप्त किए गए हैं.
गरियाबंद मे सरकारी अस्पताल के डाक्टर शैलेष डोरा के निजी क्लीनिक मे बीती देर शाम एसडीएम के नेतृत्व मे सिविल सर्जन एनके यदु और थाना प्रभारी सत्येंद्र श्याम ने छापामार कार्रवाई की. कार्रवाई के दौरान अधिकारियों को डाक्टर के अवैध ठिकाने से काफी मात्रा मे प्रसव का सामान ओर सरकारी दवाइया जप्त की गई हैं. इधर अवैध तरीके से क्लिनीक संचालित करने वाले डां शैलेष डोरा ने अपनी निजी क्लीनिक मे पिछले दो वर्षो में 8 से 10 प्रसव करने की बात स्वीकार की है. गौरतलब है कि आरोपी डॉक्टर
देवभोग सरकारी अस्पताल में पदस्थ है और वहीं पर वो अपनी निजी क्लीनिक संचालित कर रहा था. फिलहाल क्लिनिक को सील कर दिया गया है. और डॉक्टर क्लिनिक संचालित करने का कोई दस्तावेज भी पेश नही कर सका है. बहरहाल डाक्टर अगर चोरी छिपे क्लीनिक संचालित कर रहा था. तो इस बात की संभावना भी बढ जाती है कि डाक्टर लिंग जांच और समय से पहले प्रसव भी कराता रहा हो. तो ऐसे मे मामले की जांच कडाई से हो तो सब दूध का दूध और पानी पानी का पानी हो जाएगा.