अब टी.एस.सिंह देव ने भी की शिक्षाकर्मियों के संविलियन की मांग..!

अम्बिकापुर नेता प्रतिपक्ष टी.एस.सिंह देव ने मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह को पत्र लिख कर प्रदेश के शिक्षाकर्मियों की शिक्षा विभाग में संविलियन की मांग की है। उन्होंने कहा है कि यह संविलियन केवल इसलिये आवश्यक नहीं है कि मध्यप्रदेश में हो रहा है, बल्कि यह इनका अधिकार है और ऐसा करना न्यायोचित होगा।

नेता प्रतिपक्ष टी.एस.सिंह देव ने कहा है कि प्रदेश के पंचायतों एवं नगरीय निकायों में लगभग एक लाख अस्सी हजार शिक्षाकर्मी अविभाजित मध्यप्रदेश के समय से नियुक्त होकर निरंतर अपनी सेवाएं दे रहे हैं तथा दीर्घावधि से ‘समान काम-समान वेतन’ की मांग को लेकर समय-समय पर शासन-प्रशासन के समक्ष अपनी बात को रखते रहे हैं। छत्तीसगढ़ पृथक राज्य निर्माण के पश्चात, मध्यप्रदेश के ही आदेशों एवं नियमों – प्रावधानों के अनुकूलन ही प्रदेश में व्यवस्था बनी हुई है। हाल ही में मध्यप्रदेश सरकार ने वहां लंबे समय से कार्यरत लगभग 3 लाख शिक्षाकर्मियों एवं अध्यापकों के अलग-अलग संवर्गों का संविलियन शिक्षा विभाग में किये जाने की घोषणा की है।

नेता प्रतिपक्ष टी.एस.सिंह देव ने पत्र में कहा है कि ऐसी स्थिति में प्रदेश में कार्यरत शिक्षाकर्मियों को भी संविलियन का लाभ निश्चित रूप से मिलना चाहिए। इस संबंध में विभिन्न संगठनों द्वारा भी संविलियन की मांग की जाती रही है। मैं समझता हूं कि, छत्तीसगढ़ की स्थिति, मध्यप्रदेश से आर्थिक, प्रशासनिक व अन्य संसाधनों के मामले में अपेक्षाकृत बेहतर है। अतएव राज्य सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ मंे कार्यरत शिक्षाकर्मियों (पंचायत-नगरीय निकाय) का संविलियन स्कूल शिक्षा विभाग में किये जाने का शीघ्र निर्णय लेते हुये,संविलियन की कार्यवाही प्रारंभ किया जाना चाहिए। संविलियन इसलिए जरूरी नहीं है कि, मध्यप्रदेश में हो रहा है अपितु इसलिए जरूरी है कि,यह न्यायोचित है।