
DISABLED_CHILD_AMBIKAPUR
अम्बिकापुर

अम्बिकापुर जिला अस्पताल के खचाखच भरे शिशु वार्ड मे सबसे अलग सा दिखने वाले 4 वर्षीय दिनेश वास्तव मे सामान्य बच्चो से हटकर है । क्योकि दिनेश के दाहिनी ओर के हाथ पैर जन्म के समय से ही अविकसित है। साथ ही बाए ओर के एक हाथ मे तीन ही उंगली है। लेकिन कुदरत ने दिनेश के साथ सिर्फ इतना ही पक्षपात नही किया। क्योकि

सामान्य बच्चो की तरह ना खेलकूद पाने वाला दिनेश अब किडनी की गंभीर बिमारी से जूझ रहा है। और पिछले एक महीने से उसका इलाज करा रहे गरीब लाचार पिता की जमा पूंजी और स्मार्ट कार्ड का रुपया भी अब खत्म हो चुका है। बेबस और लाचार पिता अपनी एललौती औलाद के लिए अब मदद की गुहार लगा रहा है।
सूरजपुर जिले के ओडगी क्षेत्र के रहने वाले अर्जुन देवांगन को जब से पता चला कि उसके एकलौते अपाहिज बेटे को किडनी के साथ ही और भी गंभीर बिमारी है, तब से वो कई डाक्टरो के चक्कर काट चुका है। पहले 15 दिनो तक वो अम्बिकापुर के होली क्रास अस्पताल मे अपनी जिंदगीभर की कमाई अपने बच्चे के इलाज मे खपाता रहा और वंहा डाक्टरो के इंकार कर देने के बाद वो पिछले तीन सप्ताह से अम्बिकापुर जिला अस्पताल मे अपने दिल के टुकडे का

इलाज करा रहे है। लेकिन यंहा के डाक्टरो के मुताबिक उसका इलाज किडनी के स्पेशलिस्ट डाक्टर ही कर सकते है। जिसके लिए उसके पास रुपया नही है।
बेबस पिता के लिए अब शहर से बाहर क्या कही भी इलाज करा पाना बडी चुनौती है, क्योकि उसके पास जो था उसने अपने बेटे के इलाज मे लगा दिया है। ऐसे मे अगर डाक्टर इसे रायपुर,दिल्ली,मुबंई मे किसी किडनी स्पेशलिस्ट से इलाज कराने की नसीहत देते है,, तो फिर अर्जुन को शायद अपनी किस्मत पर रोना पडेगा। बहरहाल ईटीव्ही के माध्यम से अर्जुन ने अपने बेटे के इलाज के लिए सरकार से मदद मांगी है…तो क्या कोई सुन रहा है।