अम्बिकापुर
सरगुजा के उदयपुर क्षेत्र से कोयले का दोहन कर रही परसा केते कोल प्रबंधन अब इंसानो के शोषण के मामले में बदनाम हो चुकी है,, क्षेत्र के आधा दर्जन गांवो को अधिग्रहण करने वाले परसा केते कोल खदान में लगे ट्रक ,ट्रेलर और टिपर इंसानो की जान के दुश्मन बन चुके है,, तो इस पर लगाम लगाने वाले प्रबंधन को इंसान की जान की कोई परवाह नही है,, पिछले चार वर्षो में दर्जनो यंहा के कोल परिवहन करने वाली ट्रको ने कई इंसान की जान ले ली है तो कई इंसानो को अपंग बना दिया है…
सरगुजा जिले में संचालित उदयपुर की परसा केते कोल माईंस में शुक्रवार को एक अज्ञात हादसे का शिकार मोहन मझवार की मौत में कंपनी प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगना शुरु हो गया है,, जिस तरह खदान के चेक पोस्ट के पास ही मोहन का शव अचेत अवस्था मे खून से लतपथ मिला था,, और पोस्टमार्डम में उसकी पसलिया टूटने की जक्रि है उसको देखते हुए ग्रामीणो और क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियो नें कंपनी प्रबंधन पर मोहन की हत्या का आरोप लगाया है… और मामले की निष्पक्ष जांच करने की मांग की है…..
शुक्रवार की शाम खदान के क्षेत्र से लगे परसा गांव के युवक मोहन मझवार की मौत के बाद,,, परसा बासेन, केते और कई गांवो के ग्रामीणो ने खदान के गेट मे उग्र प्रदर्शन करते हुए चेकपोस्ट और आस पास खडे ट्रको में जमकर तोड फोड कर दी थी,, क्योकि क्षेत्र में कंपनी के ट्रको से हो रही लगातार दुर्घटना को लेकर ग्रामीण पहले ही नाराज थे,, कि मोहन की मौत ने ग्रामीणो को कंपनी के खिलाफ प्रदर्शन करने पर मजबूर कर दिया.. लेकिन शनिवार की सुबह से शाम शव आने के बाद तक चलते रहे प्रदर्शन के बाद आज पुलिस और प्रशासन के बुलावे पर पुलिस सुरक्षा में कंपनी के अधिकारी मौके पर पंहुचे,, और कंपनी के कर्मचारी रहे मृतक युवक मोहन के मौत पर 25 हजार की तात्कालिक सहायता राशि के साथ परिवार के लिए 2 लाख और मृतक की पत्नी को नौकरी देने का आश्वासन दिया है….साथ ही पीडित परिवार के बच्चो को उच्च शिक्षा तक शिक्षा देने का आश्वासन दिया है…
मोहन मझवार की खदान के चेकपोस्ट के पास अचेत अवस्था में शव मिलने के मामले में अभी तक ये साफ नही हो पाया है कि उसको कोल परिवहन में लगे ट्रक ने कुचला था,, या फिर किसी ने उसको मार कर यंहा फेंक दिया था,, इन सवालो का जवाब फिलहाल ना ही पुलिस के पास है और ना ही कंपनी प्रबंधन के पास ,,, लिहाजा क्षेत्र के ग्रामीणो द्वारा लगातार ग्रामीणो की हादसे में मौत की जांत कराए जाने की मांग इसलिए उचित लग रही है,, क्योकि पिछले पांच साल से क्षेत्र मे धीरे धीरे अपना पांव पसार रही कंपनी को कुछ लोग अब भी विरोध कर रहे है……….