कोरिया
(J.S.ग्रेवाल की रिपोर्ट)
जिले के दूरस्त ग्रामीण क्षेत्र में अजीबो गरीब बिमारी से पीड़ित है
आदिवासी बच्चे, 8 साल तक रहते है सामान्य,
8 से 10 साल के बीच मोटापे से ग्रसित,
10 से 14 तक नजरें कमजोर और 17 साल तक पूर्णतः अंधापन न जाने ये कौन सी बीमारी है जिसके वजह से गरीब परिवार करने को काफी दुविधा की स्थिती में है, परिवार वालो की माने तो जिला अस्पताल में इनके बच्चो का इलाज नही हो पा रहा है।
विकासखंड सोनहत के ग्राम अमृतपुर में गंभीर और अजीबो गरीब बिमारी से एक परिवार का जीवन अंधकारमय हो गया है ,, वही क्षेत्र के चिकित्सक भी नही समझ पा रहे है की आखिर इन बच्चों को कौन सी बीमारी है। सोनहत विकासखंड के वनांचल ग्राम अमृतपुर निवासी पवन सिंह गोड़ के बच्चा 8 साल की उम्र तक बिल्कुल सामान्य रहते है .. और आठ साल की उम्र पार करते ही आठ से दस वर्ष के बीच अचानक अपने आप ही मोटे होने लगते हे जिसके बाद धीरे धीरे इनके आंखों की रोशनी कम होने लगती है …. और 15 से 16 साल की उम्र पार करने के बाद उनकी आंखों की रोशनी पूरी तरीके सामाप्त हो जाती है।
परिवार के मुखिया पवन सिंह गोंड ने बताया की उनकी बड़ी बच्ची प्रमिला जो की वर्तमान में 18 साल की है वो पहले पतली दुबली थी इसके बाद अचानक मोटे पन का शिकार हुई और अब अपने आंखों से नही देख पाती है। वही दूसरी बच्ची सुशीला जो की अभी 14 साल की उसके आंखों की रौशनी भी मोटापे के बाद से बहुत कम हो गई है आलम है की अब वह थोड़ी दूर की चीजें नही देख पाती है जबकी पवन सिह का तीसरा छोटा लड़का हीरा सिह उम्र 8 साल भी मोटापे का शिकार हो रहा है एक ही परिवार के तीन बच्चो की बीमारी का अब तक तो पता नहीं चला और अब एक बच्चा जो माँ की गोद में है उसे भी ये बीमारी न हो जाये परिवार को ये डर भी सताने लगा है।
परिवार वालो का कहना है की कई बार क्षेत्रीय जनप्रतिनिधीयों से भी मदद के लिए गुहार लगाई गई लेकिन किसी ने मदद के लिए हाथ आगे नही बढाया… अब तो बस भगवान का ही सहारा है। वही इस तरह बात सामने आने से इलाज के नाम पर संचालित तमाम योजनाओं पर भी सवालिया निशान खंड़े होने लगे है। परिवार को आस है की यदि प्रशासन से मदद मिल जाएगी तो इलाज कराकर बेटियों की शादी कर सकूं। जब हमने जिला अस्पताल में पदस्थ नेत्र रोग विशेषज्ञ से मामले के बारे में जानकारी दी तो उनका साफ़ कहना है की यदि वो जिला अस्पताल आते है तो पूरी जांच करने के बाद ही पता चल पाएगा की आखिर बिमारी क्या है उन्हे जिला अस्पताल आना चाहिए पूरा इलाज कराया जाएगा।