क्या प्रभारी मंत्री बदलने से बदल जाएगी जिले की सूरत..? या अभी और करना होगा इंतजार… जिले में समस्याओं का अंबार..

जांजगीर-चाम्पा। जांजगीर चाम्पा जिले में समस्याओं का अंबार है। यहाँ के नेताओ में नेतृत्व क्षमता की कमी होने के कारण यहाँ का विकास नही हो पाना प्रमुख कारण है, रहने के लिए विधानसभा अध्यक्ष का गृह जिला है लेकिन अब तक जिले में उनके द्वारा कोई बड़ी उपलब्धि का काम नही किया गया है। और न ही उनके विधायको द्वारा किया गया है। वही हाल बीजेपी के शासनकाल का था। जिले के विकास के बारे कोई नही सोचा, जिसके कारण अन्य जिलों से जांजगीर चाम्पा जिला पिछडते चला गया। जिले की सबसे चर्चित समस्याओ में जांजगीर व चाम्पा का आरओबी है। आठ साल बीत जाने के बाउजूद अभी तक दोनों जगहो का रेलवे ओवर ब्रिज अधूरा पड़ा हुआ है। कई कलेक्टर,प्रभारी मन्त्री आये और चले गए, लेकिन किसी ने इस गंभीर समस्या की ओर ध्यान नही दिया। जिले के विधायक, व सांसद की बात ही छोड़ दीजिए.. जांजगीर चाम्पा की जनता भी अब इस समस्या की आदि हो गई है।

जिले में 6 विधायक, एक सांसद,एक विधानसभा अध्यक्ष होने के बाउजूद लोग तकलीफ़ झेल रहे है। किसी नेता ने इस गंभीर समस्या की और आँख उठा कर नही देखा । रोजाना इसी रोड से आना जाना करते है, लेकिन किसी ने इस आरओबी के अधूरे निर्माण में तेजी लाने के लिए कोई पहल नही किया । अब जिले की जनता को नए कलेक्टर व नए प्रभारी मंत्री पर आस नजर आ रही है।

करोडों का जल अवर्धन योजना का बंटाधार…
30 करोड़ से ज्यादा की लागत से बन रहे इस योजना का हाल बेहाल है। पूरे शहर के लोगो को पीने का पानी के लिए जो पाइप लाइन का विस्तार किया जा रहा उसमे कई तकनीकी खामियां पहले से नजर आ रही है। लेकिन इस ओर न तो नगर पालिका का ध्यान है, और निर्माण कार्य कर रहे ठेकेदार का ध्यान है। जिसके चलते पूरा काम गुणवत्ताहीन हो रहा है। न निर्माण स्थल पर टेक्निकल इंजीनियर है न कोई अधिकारी। पूरा काम लेबर भरोसे हो रहा है। अब इस तरह हो रहे निर्माण कार्य का क्या हस्र होगा यह आने वाला समय ही बताएगा। नगर पालिका द्वारा बनाये विभिन्न वार्डों के सीसी रोड को खोदाई कर नुकसान पहुँचाया जा रहा जिससे बारिस के समय पैदल चलना मुश्किल हो गया है।
क्या खुल पायेगा मेडिकल कॉलेज…
जिले में कांग्रेस सरकार द्वारा मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा के बाद लोगो को जल्द मेडिकल कॉलेज खुलने का इंतजार है। जिले में मेडिकल कॉलेज खुल जाने से जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार हो जाएगा। ग्रामीण क्षेत्र के लोग पैसे खर्च कर अन्य जिलों में जाकर अपना इलाज कराते है ओ अपने ही जिले में मिल पायेगा। लेकिन जिले में मेडिकल कॉलेज खुलने की संभावना कम लग रहा है। यहां जनप्रतिनिधियों द्वारा इस ओर किसी प्रकार की पहल देखने को नही मिल रहा है। बीजेपी सरकार द्वारा किये इंजीनियरिंग कॉलेज खोलने की घोषणा जैसे हवा हवाई हो गई वैसा ही हस्र अब मेडिकल कॉलेज का होना तय है।

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