@संजय यादव
जांजगीर-चांपा। पूरा मामला जिला मुख्यालय जांजगीर का है. आज 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर जिला प्रशासन द्वारा जिला स्तरीय योग कार्यक्रम का आयोजन भीमा तालाब परिसर पर रखा गया था. जिसमें प्रदेश की वित्त मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री ओपी चौधरी सहित जिले के अधिकारी, जनप्रतिनिधि शामिल हुए. लेकिन नगर के प्रथम नागरिक नगर पालिका जांजगीर नैला के अध्यक्ष भगवान दास गढ़ेवाल को कार्यक्रम में योगा करने के लिए जगह नहीं मिला. वे परिसर के अंदर तो गए लेकिन उन्हें किसी ने जगह नहीं दी. बाद में वह परिसर के बाहर आ गए और अपने साथियों के साथ घंटो देर तक खड़े रहे. उन पर न तो जिला प्रशासन का ध्यान गया, न ही कार्यक्रम में लगे आयोजन समिति ने उन्हें बैठने को बुलाया. जब बात मंत्री तक पहुंची तो अध्यक्ष को मंच में बुलाया गया लेकिन वे मंच में भी नहीं गए.
अध्यक्ष ने मीडिया से चर्चा के दौरान बताया कि वे कार्यक्रम का बहिष्कार करते हुए जिला प्रशासन पर भेदभाव का आरोप लगाया है. नगर पालिका अध्यक्ष भगवान दास गड़ेवाल ने कहा कि सरकार बदलते ही अधिकारी जनप्रतिनिधियों से भेदभाव करने लगे है, वहीं जिला प्रशासन पर प्रथम नागरिक होने के नाते प्रोटोकॉल का भी उल्लंघन करना बताया. इसी तरह नगर पालिका अध्यक्ष सहित कई पार्षदों को योग स्थल पर जगह नहीं मिलने पर विरोध जताया . वहीं जिला प्रशासन के व्यवस्था पर सवाल खड़े किया है. आपको बता दे की जिला मुख्यालय का जिला स्तरीय योग कार्यक्रम जिला प्रशासन द्वारा आयोजित किया गया था जिसमें भारी अव्यवस्था देखने को मिली. परिसर में छोटी जगह होने के कारण कई जनप्रतिनिधि, अधिकारी बाहर में खड़े रहे. जिसके चलते उन्हें योगा करने को नहीं मिल पाया. जिसको लेकर जनप्रतिनिधि आक्रोशित दिखे. जिला प्रशासन की व्यवस्था को लेकर नाराज थे. वही जांजगीर चांपा के विधायक व्यास कश्यप भी नगर पालिका अध्यक्ष भगवान दास को कार्यक्रम स्थल में जगह नहीं मिलने के खिलाफ जिला प्रशासन के व्यवस्था को लेकर बोले.उनका कहना था कि जनप्रतिनिधियों से भेदभाव नहीं करना चाहिए वही प्रोटोकॉल में रहते हुए भी उनको अनदेखा किया गया जो गलत है ।