- ज्ञापन सौंपने पहुंचा था युवा छजकां का प्रतिनिधिमंडल
- आक्रोशित प्रदेशाध्यक्ष ने दिया 22 अगस्त तक का समय
- दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो घेरेंगे पीएससी दफ्तर
[highlight color=”black”]रायपुर[/highlight]
युवा छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (जोगी) का प्रतिनिधिमंडल बुधवार को उस समय आश्चर्यचकित रह गया जब छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की सहायक प्राध्यापक (इंजीनियरिंग महाविद्यालय) और व्याख्याता ( पॉलीटेक्निक) परीक्षा 2015 में हुई गड़बड़ियों की शिकायत व परीक्षा रद्द करने की मांग करने वह पीएससी दफ्तर पहुंचे। वहां ज्ञापन लेने के बाद आयोग के सचिव ने उनसे कहा कि “यह तो होता रहता है, इससे क्या फर्क पड़ता है”। यह जवाब सुनकर युवा छजकां का प्रतिनिधिमंडल आक्रोशित हो गया। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर 22 अगस्त तक दोषियों पर कार्रवाई नहीं की जाती है, परीक्षा रद्द नहीं की जाती है तो युवा छजकां छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग का घेराव करेगी, और इसकी पूरी जिम्मेदारी आयोग की होगी। प्रतिनिधि मंडल में युवा छजकां प्रदेश अध्यक्ष विनोद तिवारी के साथ इस परीक्षा में शामिल हुए उम्मीदवार और अन्य कार्यकर्ता शामिल थे।
युवा छजकां प्रदेश अध्यक्ष विनोद तिवारी ने कहा कि बाहरियों को भर्ती करने की साजिश रची जा रही है। उन्होंने बताया कि उपरोक्त विज्ञापित पदों के लिए परीक्षा का आयोजन 22 मई 2016 को किया गया था। इसमें 150 प्रश्न पूछे गए थे, लेकिन आयोग ने इसके बाद कदम उठाते हुए करीब 20 फीसदी अर्थात 28 प्रश्नों को विलोपित ही कर दिया। ऐसा क्यों और किसके आदेश से किया गया? इसकी जानकारी किसी को नहीं दी गई। आयोग के इस कदम से किसी ऐसे षड़यंत्र की बू आ रही है जिससे स्थानीय की बजाय एक बार फिर बाहरियों को भर्ती में प्राथमिकता मिलेगी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ पीएससी अपनी इन गलतियों में सुधार नहीं करता है, 22 अगस्त तक दोषियों पर कारवाई नहीं करता है तो युवा छजकां आयोग के दफ्तर का घेराव करेगी। उन्होंने कहा कि युवा छजकां छत्तीसगढ़ के युवाओं के भविष्य की बेहतरी के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए कोई भी कदम उठाने से नहीं हिचकेगी।
श्री तिवारी ने कहा कि आज के इस प्रतिस्पर्धा के युग में महज एक सवाल के नंबर से ही किसी का चयन होता है, या उस एक सवाल के गलत जवाब की वजह से कोई प्रतिस्पर्धा से ही बाहर हो जाता है, ऐसे समय में इतने प्रश्नों को एक साथ विलोपित कर दिया जाना जरुर किसी षड़यंत्र के तहत ही संभव है। क्योंकि ऐसा किए जाने से परीक्षा के उम्मीदवार छात्रों के नंबरों में खासा अंतर आ सकता है। वहीं युवा छजकां प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि आयोग ने साक्षात्कार के लिए बुलाने में भी भेदभाव बरता है। इसका उदाहरण है कि इलेक्ट्रॉनिक्स और टेलिकम्युनिकेशन विषय के लिए 68 पद रिक्त थे, अत: आयोग के ही नियमानुसार 68 का तीन गुणा अर्थात 204 लोगों को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाना था, लेकिन बुलाया गया महज 143 को। उन्होंने सवाल उठाया कि ऐसा क्यों और किसके निर्देश पर किया गया?
श्री तिवारी ने कहा कि प्रश्नपत्र तैयार होने के बाद, परीक्षा होने के बाद प्रश्नों का विलोपित किया जाना यह बताता है कि आयोग में सब कुछ सही नहीं चल रहा है, प्रश्नपत्र तैयार करने वालों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए, साथ ही यह परीक्षा ही रद्द कर फिर से आयोजित की जानी चाहिए। युवा छजकां ने चेतावनी दी है कि छत्तीसगढ़ के युवाओं के भविष्य के मुद्दे से कोई समझौता नहीं किया जा सकता।.
आज ज्ञापन सौपनें में प्रमुख रूप से युवा छजका अध्यक्ष विनोद तिवारी, कमलेश मिश्रा, कुन्दन साहू, अशोक सोनवानी, दिलीप मिश्रा, अंकित अग्रवाल, विवेक अग्रवाल, सैयद उमेर, दीपक जायसवाल, विक्की रात्रे, बिट्टू शर्मा, दीपक अग्रवाल उपस्थित थे।