वर्तमान समय में एक अलग ही बात सुनने को आ रही है कि बाजार में कछुओं की बहुत ज्यादा डिमांड है। कछुओं की इस बढ़ती डिमांड के कारण वर्तमान में कछुओं की बड़े पैमाने पर तस्करी की जा रही है, जिसके चलते काफी कछुए नदियों आदि जगहों से पकडे़ जा रहें हैं। इस बात की तह तक पहुंचने पर यह पता लगा है कि कुछ ही समय में दीपावली आने वाली है और वर्तमान में नवरात्र भी चल रहें हैं जिसके चलते यदि कछुए के साथ में पूजा की जाए तो धन आने के अवसर बढ़ जाते हैं। इसके अलावा कुछ लोगों का मानना है कि तंत्र शास्त्र में कछुए को लेकर कई प्रकार के प्रयोगों का वर्णन किया गया है जिसके बाद में प्रयोगकर्ता को बहुत सी संपत्ति मिलने के अवसर बढ़ जाता हैं। शायद इसी कारण से बाजार में कछुए की मांग काफी बढ़ गई है और वर्तमान में आलम यह है कि 1000 से 1200 रूपए में मिलने वाला कछुआ अब 2 से 4 लाख में मिल रहा है। यह खुलासा सहायक वन संरक्षक कान्हा सुधीर मिश्र और उनकी टीम के हाथ लगे दो कछुआ तस्करों ने किया है। इन तस्करो के नाम रविन्द्र अठराहे तथा राजेश अठराहे है। ये तस्कर महाराष्ट्र, छिंदवाड़ा, मध्यप्रदेश तथा उड़ीसा आदि के दुकानदारों से जुड़े हुए हैं।
इन तस्करों ने पुलिस रिमांड में आने के बाद खुलासा करते हुए कहा कि “तांत्रिक 20 व 18 नख वाले कछुए के माध्यम से तंत्र साधना कर नोटों की बारिश का दावा करते हैं। इनका वजन 250 ग्राम से अधिक नहीं होना चाहिए। 12 नख हो तो ढाई किलो का वजन होना चाहिए। आठ नख का हो तो वजन साढ़े चार किग्रा होना चाहिए। कम वजन के कछुओं को तो लोग तंत्र-मंत्र के लिए घरों में भी पालते हैं।