नई दिल्ली : कर्ण शर्मा और जसप्रीत बुमरा की उम्दा गेंदबाजी के दम पर मुंबई इंडियंस ने कल आईपीएल 10 के दूसरे क्वालीफायर मैच में कोलकाता नाइट राइडर्स को छह विकेट से हराकर फाइनल में जोरदार एंट्री की है. अब रविवार को फाइनल में उसका सामना राइजिंग पुणे सुपरजाइंट्स से होगा. मुंबई और पुणे के बीच यह ‘महाराष्ट्र डर्बी’ फाइनल हैदराबाद में खेला जायेगा.मुंबई की टीम चौथी बार आईपीएल फाइनल में पहुंची है. दो बार मुंबई आईपीएल चैंपियन रहा है और एक बार फाइनल में हार का भी सामना करना पड़ा है. इस बार फिर मुंबई को मौका मिला है तो रोहित शर्मा की अगुआई वाली यह टीम कोई भी गलती नहीं करना चाहेगी और तीसरी बार खिताब पर कब्जा जमाना चाहेगी. वहीं आईपीएल की नयी टीम पुणे पहली बार फाइनल में पहुंची है.
दोनों टीम की अगर तुलना की जाए तो किसी भी टीम को कमजोर करके नहीं आंका जा सकता है. हालांकि मौजूदा सत्र में पुणे की टीम ने तीन बार मुंबई की टीम को हराया है. आइये दोनों टीमों के बारे में तुलनात्मक अध्ययन किया जाए कि मौका कितना मजबूत है.
1. मुंबई चौथी बार आईपीएल फाइनल में, जबकि पुणे का पहला मौका
मुंबई इंडियंस की टीम चौथी बार आइपीएल के फाइनल में पहुंची है. 2013 और 2015 में मुंबई की टीम चैंपियन रही है और 2010 में उसे चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ करारी हार का सामना करना पड़ा था और खिताब जीतने का मौका गवां दिया था. मुंबई की टीम एक बार फिर फाइनल में है. इसबार उसे पुणे की टीम के खिलाफ अपने फाइनल में खेलने का अनुभव काम आयेगा.
जबकि पुणे की टीम के लिए यह पहला मौका है. स्टीव स्मिथ की टीम आईपीएल में नयी है और उसके पास फाइनल में खेलने का नया अनुभव होगा. लेकिन अगर मौजूदा आईपीएल में मजबूती की बात करें तो पुणे मुंबई पर भारी पड़ता नजर आ रहा है. क्योंकि मुंबई और पुणे की टीम आईपीएल 10 में तीन बार भीड़ चुके हैं, लेकिन तीनों मौकों में पुणे को जीत मिली है.
2. मुंबई का मजबूत पक्ष
मुंबई इंडियंस की टीम का मजबूत पक्ष है उसकी बल्लेबाजी. दूसरा है उसकी गेंदबाजी. इस समय मुंबई के चार बल्लेबाज नीतीश राणा, लेंडल सिमंस, पोलार्ड और पार्थिव पटेल अच्छे फॉर्म में चल रहे हैं. वहीं गेंदबाजी में जसप्रीत बुमराह फॉर्म में हैं. पंड्या बंधू मुंबई के ट्रंप कार्ड साबित हो सकते हैं.
हार्दिक पंड्या ऑलराउंडर के तौर पर शानदार फॉर्म में चल रहे हैं. वहीं उनके भाई कुणाल पंड्या ने भी अब तक शानदार प्रदर्शन दिखाया है. शुक्रवार को खेले गये मुकाबले में कुणाल ने शानदार 45 रन की पारी खेली थी. कुणाल ने 30 गेंद पर 8 चौकों की मदद से 45 रन बनाये थे.
3. मुंबई का कमजोर पक्ष
मुंबई का सबसे कमजोर पक्ष कप्तान रोहित शर्मा का बल्लेबाजी में असफल रहना है. शर्मा मौजूदा सत्र में अपनी बल्लेबाजी से कुछ खास नहीं कर पाये हैं. अब फाइनल में उनकी टीम पहुंच चुकी है वैसे में उनके पास बड़ी चुनौती है कि वो किस प्रकार अपनी बल्लेबाजी में सुधार करते हैं और टीम को जीत दिलाते हैं. इसके अलावा गेंदबाजी में उनके प्रमुख गेंदबाज लसिथ मलिंगा का खराब फॉर्म. मलिंगा नयी गेंद में खासे महंगे साबित हुए हैं फाइनल में उनका फॉर्म में आना काफी जरूरी है.
4. पुणे का मजबूत पक्ष
पुणे की टीम पहली बार रविवार को फाइनल मुकाबले में खेलेगी. लेकिन पुणे के लिए सबसे बड़ी बात है कि इस टीम के पास अनुभव का भरमार है. टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और आईपीएल 9 में पुणे टीम के कप्तान रहे महेंद्र सिंह धौनी को आईपीएल फाइनल में खेलने का लंबा अनुभव है. धौनी सातवीं बार आईपीएल फाइनल में पहुंचे हैं और ऐसा करने वाले वो पहले खिलाड़ी भी बन गये हैं. तो वैसे में धौनी के अनुभव का लाभ पुणे की टीम को जरूर मिलेगी.
इसके अलावा पुणे के बल्लेबाज राहुल त्रिपाठी, महेंद्र सिंह धौनी और कप्तान स्टीव स्मिथ अच्छे फॉर्म में चल रहे हैं. इसके अलावा पुणे की गेंदबाजी भी शानदार रही है. जयदेव उनादकट आईपीएल 10 में सबसे अधिक विकेट लेने वालों की सूची में दूसरे नंबर पर मौजूद हैं. उनादकट ने अब 11 मैंचों में 22 विकेट ले चुके हैं. इसके अलावा वाशिंगटन सुंदर, बेन स्टोक्स और इमरान ताहिर भी अच्छे फॉर्म में चल रहे हैं.
5. पुणे का कमजोर पक्ष
पुणे का कमजोर पक्ष उनकी ओपनिंग जोड़ी रही है. ओपनर अजिंक्य रहाणे इस समय अच्छे फॉर्म में नहीं चल रहे हैं. हालांकि पिछले मुकाबले में उन्होंने शानदार 56 रनों की पारी खेली थी और मुंबई के खिलाफ पहले क्वालीफायर में शानदार जीत में अपनी भूमिका निभायी थी. अगर पुणे की टीम को फाइनल में जीत दर्ज करनी है और खिताब पर कब्जा जमाना है तो फिर ओपनर अजिंक्य रहाणे को अपने फॉर्म में वापसी करनी होगी.