कांकेर. मध्य भारत के जंगलों मे बसा छत्तीसगढ़ का एक खूबसूरत शहर है, जो अपनी प्राकृतिक संपदा के लिए ज्यादा जाना जाता है. यहां आप घने जंगल, नदी, तालाब और झरनों के खूबसूरत दृश्यों का भरपूर आनंद ले सकते हैं. एक प्रकृति प्रेमी से लेकर साहसिक एडवेंचर के शौकीनों के लिए स्थल किसी जन्नत से कम नहीं. यह एक प्राचीन शहर भी है, जिसका संबंध पाषाण युग से बताया जाता है. रामायण और महाभारत के अनुसार यहां कभी दण्डकारण्य नाम का जंगल हुआ करता था, जहां वर्तमान कांकेर शहर बसा हुआ है. इसके अलावा यह स्थल साधु-संत की तपोस्थली भी हुआ करता था. इस लेख के माध्यम से जानिए पर्यटन के लिहाज से यह प्राचीन शहर आपको किस प्रकार आनंदित कर सकता है.
- कांकेर पैलेस
कांकेर भ्रमण की शुरुआत आप यहां के कांकेर महल से कर सकते हैं, यह प्राचीन संरचना यहां के मुख्य पर्यटन स्थलों में गिनी जाती है. अतीत से जुड़े लिखित साक्ष्यों के अनुसार इस किले का निर्माण 20 शताब्दी मे किया गया था, जिसका पुननिर्माण सन् 1937 में किया गया था. यह ऐतिहासिक संरचना औपनिवेशिक वास्तुकला को भली भांति प्रदर्शित करने का काम करती है. चारों तरफ हरियाली से घिरा यह पैलेस काफी खूबसूरत नजर आता है. यहां से आप छत्तीसगढ़ के जंगलों के अद्भुत दृश्यों का आनंद भी ले सकते हैं. इतिहास की बेहतर समझ के लिए आप यहां आ सकते हैं.
- गाडिया पर्वत
कांकेर के प्राकृतिक स्थलों की सूची में आप यहां के गाडिया पर्वत की रोमांचक सैर का आनंद जी भरकर ले सकते हैं. यह शहर की सबसे ऊंची चोटी है, जहां की करना सैलानी को बहुत ही पसंद है. इतिहास से जुड़े साक्ष्य बताते हैं कि गाडिया पहाड़ी क्षेत्र कभी कंद्रा साम्राज्य के राजा धर्म देव की राजधानी हुआ करता था. यहां एक पुरानी गुफा भी मौजूद है, माना जाता है कि इसका इस्तेमाल राजपरिवार द्वारा आपातकालीन निकासी के लिए किया जाता था. यहां के जोगी गुफा नाम की एक दूसरी केव मौजूद है, जिसका इस्तेमाल संतों द्वारा ध्यान-साधना के लिए किया जाता था. यहां के जलाशय भी मौजूद है, माना जाता है कि इसमें जल की कमी नहीं होती.
- मलांजकुडूम फॉल्स
कांकेर के दक्षिण दिशा में १५ किलोमीटर दूर, एक छोटा पहाड़ है. इस पहाड़ पर नील गोंदी नामक एक जगह है जहां से दूध नदी अपना आकार लेती है. पर्वतारोहण पथ की 10 किलोमीटर की लंबाई पार करने के बाद वहां एक जगह है. जहां मलांजकुडुम नाम से एक जगह है. जहां से नदी का पानी तीन तरफ गिरती है, इन पानी की गिरावट की ऊंचाई क्रमशः 15 मीटर और 9 मीटर और 10 मीटर है. इस पानी की गिरावट की ढलान एक की तरह होता है. इस पानी की गिरावट की लहरें बहुत आकर्षक और चुनौतीपूर्ण है. यह जगह यात्रा के लिए बहुत अच्छी है. यह पानी गिरना छात्रों, शिक्षकों, नेताओं और कलाकारों और अधिकारियों में बहुत लोकप्रिय है. यह पिकनिक के लिए एक आदर्श जगह है. सड़क इस जगह तक पहुंचने के लिए उपलब्ध है.
- चरे मरे जलप्रपात
मलांजकुडूम फॉल्स के अलावा आप यहं के दूसरे प्रसिद्ध जलप्रपात चरे-मरे की सैर का प्लान बना सकते हैं. यह एक खास जलप्रपात है, जो अपने खास नाम के लिए काफी लोकप्रिय है. वीकेंड पर आप यहां सैलानियों को मौज मस्ती करते देख सकते हैं. 6 मीटर ऊंचाई से गिरने वाला यह झरना यहां की जोगीधारा नदी से जल प्राप्त करता है. नेचर लवर्स के लिए यह स्थल किसी जन्नत से कम नहीं. अगर आप फोटोग्राफी का शौक रखते हैं तो यहां जरूर आएं.
- शिवानी मंदिर
उपरोक्त स्थलों के अलावा आप यहां के धार्मिक स्थलों के दर्शन भी कर सकते हैं. मां काली और मां दुर्गा को समर्पित यह मंदिर यहां के सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में गिना जाता है. यह कांकेर के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है, जहां रोजाना श्रद्धालुओं का अच्छा खासा जमावड़ा लगता है. खासकर नवरात्रि के खास मौकों पर यहां दूर-दराज से लोगों का आगमन होता है. कांकेर की संस्कृति-परंपरा को समझने और धार्मिक अनुभव के लिए आप यहां आ सकते है.