जांजगीर-चांपा…(संजय यादव)…जिले में गर्मी के वजह से पारा ऐसे भी गर्म हैं। वही, इस चर्चा के कारण जांजगीर चांपा विधानसभा में और भी उबाल आ गया हैं। विधानसभा में इन दिनों राजनीति सर गर्मियों का टेंपरेचर हाई हो गया हैं। छत्तीसगढ़ के नेता प्रतिपक्ष एवं जांजगीर चांपा के बीजेपी विधायक को विधानसभा छोड़ लोकसभा चुनाव लड़ाने की चर्चा हो रही हैं। हालांकि, अभी यह चर्चा सिर्फ राजनीति के जानकार खिलाड़ियों के बीच घूम रही हैं। अब इस चर्चा में कितनी सच्चाई हैं। यह आने वाले समय में ही पता चल पाएगा। लेकिन, अगर चर्चा का बाजार गर्म हैं तो कुछ सच्चाई भी हो सकती हैं। वही बीजेपी भी विधानसभा चुनाव में संकेत दे चुकी हैं कि, इस बार 40% से ज्यादा प्रत्याशियों को बदला जाएगा। हालांकि, जांजगीर-चांपा विधायक को जब से नेता प्रतिपक्ष बनाया गया हैं। तब से उनकी जिम्मेदारी और भी बढ़ गई हैं। अब किसी एक विधानसभा में ही सिमट कर नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश के विधानसभा की उनकी जिम्मेदारी हो गई हैं। विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ा और अहम रोल नेता प्रतिपक्ष का होता हैं। इसलिए हो सकता हैं पार्टी उनके लिए कुछ अच्छा ही सोचा होगा। राजनीति जानकारों का माने तो आने वाले समय में पार्टी कोरबा या किसी अन्य लोकसभा से चुनाव लड़ा सकती हैं। ऐसे भी लोकभा चुनाव में प्रत्याशी का चेहरा नहीं बल्कि प्रधानमंत्री का चेहरा ज्यादा मायने रखता हैं। इसका उदहारण जांजगीर चाम्पा लोकसभा में लगा सकते हैं।
पड़ताल…! नेता प्रतिपक्ष को लोकसभा चुनाव लड़ाने की चर्चा…
सक्ति विधानसभा से ज्योत्सना महंत को विधानसभा चुनाव लड़ाने की तैयारी-
सक्ति विधानसभा के विधायक डॉ चरणदास महंत इस बार अपनी धर्मपत्नी कोरबा सांसद ज्योत्सना महंत को सक्ति विधानसभा से चुनाव लड़ा सकते हैं। सक्ति विधानसभा में भी यही चर्चा हैं। आने वाले समय में डॉ चरणदास महंत राज्यसभा की ओर रुख कर सकते हैं। इस बात का पहले भी संकेत से दे चुके हैं। बताया जा रहा हैं कि, इस बार सक्ति विधानसभा मे कांटे की टक्कर हो सकती हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में पूर्व मंत्री एवं सक्ति राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह का साथ मिलने के कारण डॉ चरणदास महंत का नईया पार हो गया था लेकिन इस बार दोनों के बीच तकरार होने की वजह से समीकरण बिगड़ गया हैं। क्योंकि, राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह भी सक्ति विधानसभा में अच्छा दखल रखते हैं। इसलिए यही संकेत मिल रहे हैं कि, इस बार डॉ चरणदास महंत अपने जगह अपनी धर्मपत्नी को चुनाव लड़ा सकते हैं। जिसकी तैयारियां शुरू भी हो गई हैं। ऐसा राजनीति जानकारों कहना हैं।
डॉ चरणदास महंत को सक्ती राजा से डर-
सक्ति रियासत के राजा, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह और डॉ चरणदास महंत के बीच मनमुटाव होने के बाद दोनों की दूरियां बढ़ गई है. दूरियां बढ़ने के साथ-साथ अब दोनों के बीच विरोध की दीवार खड़ी हो गई है. राजनीति द्वेष के चलते दोनों एक दूसरे से दूरियां बना लिए हैं . पिछले विधानसभा चुनाव में सक्ति से राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह का आशीर्वाद डॉ चरणदास महंत को मिला था जिसका नतीजा यह रहा कि भारी मार्जिन से डॉक्टर चरणदास महंत की जीत हुई थी. लेकिन अब समीकरण उलट गया है. सक्ति विधानसभा से दोबारा चुनाव लड़ने की तैयारी में डॉ महंत नजर नहीं आ रहे हैं. अब इसका यही अंदाजा लगाया जा रहा है कि कहीं राजा सुरेंद्र बहादुर से मनमुटाव, चुनाव में नुकसान ना पहुंचा. यही डर डॉ चरणदास महंत को सताने लगा है .राजा सुरेंद्र बहादुर भी अब खुलकर सक्ति विधायक डॉ चरणदास महंत के खिलाफ बोलना भी शुरू कर दिए है . वही दोनों के कार्यकर्ताओं के बीच में छत्तीस का आंकड़ा है. कई बार दोनों के कार्यकर्ताओं के बीच विवाद की स्थिति भी आ चुकी है.
जांजगीर चांपा विधानसभा से बीजेपी व कांग्रेस में दिखेगा नया चेहरा…
2023 के विधानसभा चुनाव में हो सके तो इस बार जांजगीर चांपा विधानसभा से कांग्रेस एवं बीजेपी पार्टी ने चेहरे को मौका दे. उम्मीद तो यही लग रही है कि इस बार मतदाताओं को नया चेहरा देखने को मिले. जानकारों का माने तो इस बार जांजगीर चांपा विधानसभा से दोनों ही पार्टी बड़े दमखम से चुनाव में प्रत्याशी उतरने वाली है. वही बीजेपी अपनी सीट बचाने की कोशिश में लगी हुई है तो इस बार कांग्रेश दोबारा अपना सीट हथियाने की कोशिश में है. हालांकि जांजगीर चांपा विधानसभा में हमेशा दोनो पार्टी बारी-बारी चुनाव जीत के आती है. अभी तक किसी भी पार्टी को जनता दुबारा मौका नहीं दी है. जांजगीर चांपा विधानसभा में हर 5 साल में मतदाता अपने विधायक को बदल देती. इसलिए यह कयास लगाया जा रहा है कि इस बार भी मतदाता अपने विधायक को बदलने के मूड में है. इसलिए पार्टी रिस्क लेना नहीं चाह रही है पुराने चेहरे में अब दोनों पार्टी को भरोसा नहीं रह गया है इसलिए अब आने वाले समय मे नये नामों की घोषणा भी हो सकती है।
विधानसभा अध्यक्ष के बाद राज्यसभा का ख्वाब…
छत्तीसगढ़ के विधानसभा के अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत अब राज्यसभा जाने का मनसा जाहिर कर चुके हैं. मीडिया के सामने उनका बयान भी आया था कि वे लोकसभा व विधानसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहते. अब वे राज्यसभा का ख्वाब देख रहे. अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो आने वाले समय में विधानसभा चुनाव न लड़ राज्यसभा चुनाव लड़कर राज्यसभा में जा सकते हैं. हालांकि राजनीति में कुछ भी पहले से तय नही होता ,राजनीति में कब क्या उठापटक हो जाए यह कोई नहीं जान सकता इसलिए यही कयास लगाया जा रहा है कि विधानसभा एवं लोकसभा चुनाव न लड़ डॉ चरणदास महंत राज्यसभा की ओर रुख कर सकते हैं।
पामगढ़ विधानसभा में महिला प्रत्याशियों के बीच हो सकता है त्रिकोणी मुकाबला…
पामगढ़ विधानसभा में मौजूदा विधायक बसपा की इंदु बंजारे की स्थिति इस बार ठीक-ठाक ही लग रह रहा पार्टी उन्हें दोबारा मौका दे तो कोई आश्चर्य वाली बात नहीं होगा। लेकिन, बीजेपी और कांग्रेस अपनी मौजूदगी दिखाने के लिए अब महिला प्रत्याशियों की तलाश शुरू कर दी हैं। वही बताया जा रहा हैं कि, इस बार हो सकता है बीजेपी एवं कांग्रेसी महिला प्रत्याशियों को मौका दें। अगर ऐसा होता हैं तो पामगढ़ विधानसभा में बीजेपी कांग्रेसी एवं बसपा की बीच हमेशा की तरह त्रिकोणी मुकाबला देखने को मिलेगा। हालांकि, पामगढ़ विधानसभा सीट आरक्षित होने के कारण बसपा का दबदबा इस क्षेत्र में ज्यादातर देखने को मिलता हैं। इधर कांग्रेस सत्ता में होने की वजह से बड़े दमखम से इस सीट में प्रत्याशी चयन कर बसपा के गढ़ में सेंद मारने में लगी हुई।
जैजैपुर विधानसभा में केशव चंद्रा को टक्कर देने उतरेंगे दिग्गज…
विधानसभा चुनाव की बात करे तो इस बार सबसे ज्यादा दिलचस्प मुकाबला जैजैपुर विधानसभा में देखने को मिलेगा। क्योंकि, इस बार जैजैपुर विधानसभा में बसपा के वरिष्ठ नेता एवं दो बार लगातार विधायक रहे केशव चंद्रा हैट्रिक लगाने की तैयारी में हैं। जैजैपुर विधानसभा में पिछले विधानसभा चुनाव की बात करें तो न तो बीजेपी के पास मजबूत उम्मीदवार था न ही कांग्रेस के पास मजबूत प्रत्याशी थे। जिसके चलते लगातार दो विधान सभा चुनाव में केशव चंद्रा का जीत सुनिश्चित हुआ था। लेकिन, इस बार जैजैपुर विधानसभा के मौजूदा विधायक केशव चंद्रा को टक्कर देने बीजेपी एवं कांग्रेस कमर कस ली हैं। अब अपने दिग्गज नेताओं को इस विधानसभा में उतारने की तैयारी कर रही हैं। अब इस विधानसभा से मुकाबला दिलचस्प हो सकता हैं। इस बार केशवचंद्र को कांग्रेस पार्टी टक्कर दे सकती हैं।