राजकोट. हाल ही में हुई एक चौंकाने वाली घटना में एक युवक ने सिगरेट पीने के बाद अपनी आवाज खो दी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मवेशी चरा रहे शख्स को ये सिगरेट अज्ञात लोगों से मिली थी। एक रिपोर्ट के अनुसार पीड़ित इलाज के लिए गुजरात के राजकोट के अस्पताल में भर्ती है। युवक के सिगरेट पीने के बाद गूंगे होने की खबर के बाद स्थानीय लोगों में भय की स्थिति बन गई है। गौरतलब है कि धूम्रपान के दुष्प्रभावों पर लंबे समय से शोध किया जा रहा है। इसमें कई गंभीर बीमारियों के बारे में बताया गया है जो जीवन को खतरे में डाल सकती हैं। हालांकि, धूम्रपान करने के बाद आवाज जाने का यह मामला अपने आप में दुर्लभ है।
इस मामले पर सर्वोदय हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के सीनियर कंसल्टेंट, इंटरनल मेडिसिन स्पेशलिस्ट और जनरल फिजिशियन डॉ. सुमित अग्रवाल ने कहा कि लंबे समय तक धूम्रपान करने से गला खराब हो सकता है, लेकिन इस मामले में, हमें अधिक पृष्ठभूमि की जानकारी चाहिए। जैसे एक सिगरेट इस स्तर तक आवाज को नुकसान नहीं पहुंचाती। इसके कई अन्य प्रभाव हैं लेकिन लैरिंक्स (स्वरयंत्र) पर इसका प्रभाव नहीं देखा गया।
हालांकि 2020 में प्रकाशित एक अध्ययन ने आवाज और धूम्रपान के बीच संबंध की पहचान की। अध्ययन में पाया गया कि अत्यधिक धूम्रपान वोकल कॉर्ड्स को परेशान कर सकता है और वोकल कॉर्ड म्यूकोसा को सुखा सकता है। इसके परिणामस्वरूप वोकल कॉर्ड में सूजन हो सकती है। इससे खांसी, थूक और वोकल कॉर्ड में जलन महसूस हो सकती है। इससे आवाज में बदलाव भी हो सकता है। शोधकर्ताओं ने तर्क दिया कि धूम्रपान से वोकल कॉर्ड्स का वजन बढ़ जाएगा, जिससे फंडामेंटल फ्रीक्वेंसी कम हो सकती है।
अध्ययन में पाया गया कि धूम्रपान अधिकतम फ़ोनेशन (फिर से सांस लेने की आवश्यकता से पहले आप कितनी देर तक बोल सकते हैं) समय को कम करता है। अध्ययन में कहा गया है कि इससे पल्मोनरी फंक्शन (सांस की आपूर्ति और मुखर शक्ति) कमजोर हो सकता है। डॉ अग्रवाल ने कहा कि लंबे समय तक धूम्रपान करने से स्वरयंत्र की सूजन, संक्रमण और यहां तक कि कैंसर का विकास भी हो सकता है।