रायपुर/भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि राज्य सरकार की लापारवाही से रायपुर कोरोना के हार्टस्पाॅट में तब्दील हो गया है। पूरे प्रदेश में जितने मरीज रोज निकल रहे है उतना तो अकेले रायपुर में रोज निकल रहे है। सरकारी तंत्र कोरोना को काबू करने के बजाय हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। सरकार के लचर व्यवस्था के चलते प्रदेश कोविड 19 की लड़ाई में पिछड़ गया है। देश में हमसे छोटे-छोटे व आर्थिक रूप से कमजोर प्रदेश में टेस्ट, रिकवरी, बेड, हाॅस्पीटल व सुविधा के मामले में हमसे आगे निकल गया है। सरकार के बदइंतजामी के चलते पूरे प्रदेश में कोविड-19 को लेकर जनता में भय व दहशत का माहौल व्याप्त हो गया है। सरकार व प्रशासन के रवैये, राजनीतिक कार्यक्रमों, लोकार्पण, शिलान्यास व मेलो के आयोजन को देखकर तो लगता है कि सरकार व प्रशासन कोरोना को लेकर अभी भी गंभीर नहीं है?
बृजमोहन अग्रवाल ने एक बयान जारी कर कहा कि राज्य सरकार ने कोरोना के प्रभाव को रोकने की कोई व्यवस्था नही की। पूरी सरकार सिर्फ कोरोना को लेकर खरीदी में व्यस्त है। रायपुर में शहर के विभिन्न वार्डो में लोगो के जांच सेम्पल की रिर्पोट 2-2, 3-3 दिन नही आ रही है। रिर्पोट आने के बाद अगर पाॅजेटिव हुआ तो लोगो को अस्पताल ले जाने 2-3 दिन ध्यान नही दिया जा रहा है। अस्पतालों व कोविड सेंटरों में पर्याप्त बेड की व्यवस्था नहीं है। अव्यवस्था के दशहत में लोग या तो डर के मारे टेस्ट नहीं करा रहे हैं। और कोरोना पाॅजिटिव निकल रहे हैं तो मौत के डर से प्रायवेट हाॅस्पीटल में जा रहे हैं जहां का खर्च भी लोग घर बार बेचकर वहन करने पर मजबूर है। कोरोना की रिपोर्ट पॉसिटिव आने बाद भी घर पर रहने के कारण पूरा घर व आस-पास के लोग प्रभावित हो रहे है और इसी कारण कोरोना की विस्फोट स्थिति तेजी से निर्मित हो रही है।
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि ब्राम्हणपारा, कंकालीपारा, टिकरापारा, चंगोराभाठा, मठपारा, संजयनगर, सुन्दर नगर, संतोषी नगर, कुशालपुर, पुरानीबस्ती सहित शहर के अनेक वार्ड में जिन लोगो को 30 एवं 31 अगस्त को कोरोना पाॅजेटिव पाया गया है उसे भी अभी तक हाॅस्पिटल शिफ्ट नही किया गया है। 2-2, 3-3 दिनो से लोग घरों में एम्बुलेंस का इंतजार कर रहे है। जिन मरीजो के घर में पर्याप्त जगह व प्रशाधन की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है उनके घरो के पूरा परिवार अब प्रभावित हो रहे है और फिर मोहल्ले में आस-पास के लोग प्रभावित हो रहे है।
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि हाॅस्पिटल में जो लोग टेस्ट कराने जा रहे है 3-3 घंटे की लम्बी लाईन व अव्यवस्था को लेकर बिना टेस्ट कराये वापस आ रहे है। लोग अस्पतालो व कोविड सेंटरो की अव्यवस्था को देखकर डर कर अब टेस्ट कराने व भर्ती होने से बचना चाह रहे है और असल में यही कोरोना का राजधानी में विस्फोट का कारण भी है।
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि मेकाहारा में 80 बिस्तर का वेंटीलेटर युक्त कक्ष का निर्माण लोक निर्माण विभाग द्वारा किया जाना था। आज 4 माह में भी उसका निर्माण नहीं हो पाया है। क्या सरकार कोरोना खत्म होने के बाद कक्ष बनायेगी। यह सब प्रशासन की कोरोना के प्रति उदासीनता को दिखाता है। प्रदेश की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था को खुद मुख्यमंत्री को मिशन लीड में लेकर काम करने की आवश्यकता है जिससे बढ़ते कोरोना से निपटा जा सके। मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री से फिर अनुरोध किया है कि रायपुर में कोरोना के बढ़ते प्रकरण को रोकने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य योजना बनाई जावे। प्रतिदिन टेस्ट की संख्या व कलेक्शन सेंटर के स्थान बढ़ाया जावे। कोविड हाॅस्पिटलों की संख्या, बेड की संख्या बढ़ाई जाए व इन हाॅस्पिटल में ईलाज की पर्याप्त व्यवस्था की जावे। अस्पतालों की व्यवस्था में अमूलचूल परिवर्तन की आवश्यकता है जिससे जनता के मन में कोविड अस्पताल के प्रति विश्वास पैदा कर सके।