जांजगीर चांपा। पूरे भारत को 22 जनवरी 2024 का बेसब्री से इंतजार है. इस दिन अयोध्या में श्रीराम अपनी जन्मस्थली पर भव्य और नवनिर्मित मंदिर के गर्भगृह में विराजित होंगे. 16 जनवरी 2024 से प्राण प्रतिष्ठा तक कई कार्यक्रम और पूजा की जाएंगी. 22 जनवरी का दिन ऐतेहासिक दिन बनने जा रहा हैं राम भक्तो और सनातनियो में खासा उत्साह नजर आ रहा हैं..इसी कड़ी में जांजगीर-चाम्पा जिले के धर्म एवं आध्यात्मिक नगरी माता शबरी की जन्मभूमि के नाम से शिवरीनारायण को जाना जाता हैं।
माता शबरी जी ने प्रभु श्री राम जी को वनवास काल मे जूठे बेर खिलाये थे,,यहां प्रभु श्री राम ने माता शबरी के जूठे बेर खाकर अपने प्रेम से कई संदेश दिए. शिवरीनारायण मंदिर परिसर में आज भी वह पेड़ है, जिसका नाम (कृष्ण वट) के नाम से जाना जाता है, और वह पेड़ को गमला में रोपण कर आयोध्या नगरी मन्दिर में रोपण किया जाएगा, यह पेड़ जिसकी पत्तियां दोना के रूप में है,,ऐसा माना जाता है कि माता शबरी ने उसी पेड़ की पत्ती पर रखबर बेर खिलाई थी, उसके बाद भगवा के प्रभाव से इस पेड़ की पत्तियां स्वयं दोना के रूप में बदल गईं।
वह बैर को शिवरीनारायण से कोरबा व दीपका के रामभक्तो व नगर के रामभक्तो द्वारा सर्प्रथम भगवान नर नारायण जी के दर्शन व पूजा अर्चना कर सुसज्जित ढंग से रथ में सवार कर आयोध्या मन्दिर लेजाया जा रहा हैं.. यात्रा प्रारंभ के दौरान बड़ी संख्या में नगर के रामभक्त व महिलाओं ने डीजे के धुन में व राम भजन के धुन में खूब उत्साह मनाया व थिरके और जय श्री राम के नारे लगाये।।