Himachal Pradesh Mosque, Sanjauli Mosque Controversy, Shimla Mosque Protest, Sanjauli Incident : हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के संजौली क्षेत्र में मस्जिद में अवैध निर्माण को लेकर एक बार फिर से विवाद उग्र हो गया है। बुधवार को इस विवाद ने गंभीर रूप ले लिया, जब संजौली में धारा 163 के उल्लंघन के कारण पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हो गई।
पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए लाठीचार्ज किया है। हालांकि इसके बाद हालात कुछ समय के लिए काबू में आए। इस पूरे मामले ने शिमला में अवैध निर्माण की स्थिति को लेकर एक नया खुलासा किया है।
शिमला में लंबित अवैध निर्माण के मामले
जानकारी के अनुसार शिमला शहर में वर्तमान में कुल 1400 अवैध निर्माण के मामले लंबित हैं। इन मामलों में छोटे-मोटे सरकारी स्थानों पर बिना अनुमति के किए गए निर्माण के साथ-साथ अवैध मंजिलों की भी समस्या शामिल है। लोगों द्वारा अपनी इमारतों में निर्धारित सीमा से अधिक मंजिलें जोड़ने की प्रवृत्ति ने इस समस्या को और बढ़ा दिया है। प्रत्येक बार जब कोर्ट में सुनवाई होती है, तो लगभग 60 से 70 मामलों की सुनवाई होती है लेकिन मामला लगातार लंबित रहता है।
संजौली मस्जिद में अवैध निर्माण का मामला
संजौली मस्जिद में अवैध निर्माण का मामला विशेष रूप से चर्चा में आया है। मस्जिद में कुल पांच मंजिलें बनाई गई हैं जबकि शिमला में केवल ढाई मंजिलें ही बनाने की अनुमति है। इसके बावजूद मस्जिद में पांच मंजिलें बनाई गईं और निगम प्रशासन इस निर्माण को रोकने में नाकाम रहा। 2010 में पहली बार इस मस्जिद के निर्माण के खिलाफ शिकायत की गई थी लेकिन उसके बावजूद निर्माण कार्य जारी रहा। तीन अलग-अलग सरकारें इस मुद्दे पर आईं लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।
मारपीट और प्रदर्शन की घटनाएं
पिछले 15 दिन में शिमला के संजौली क्षेत्र में एक मारपीट की घटना ने स्थिति को और जटिल बना दिया। विशेष समुदाय के कुछ लोगों ने स्थानीय दुकानदार के साथ मारपीट की और इसके बाद वे मस्जिद में छिप गए। इस घटना के बाद 2 सितंबर को मस्जिद के पास बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया गया। 4 सितंबर को निगम कोर्ट ने मामले की सुनवाई की और अगली सुनवाई 5 अक्टूबर के लिए निर्धारित की गई है। हिंदू जागरण मंच इस मामले को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहा है।
सरकार की प्रतिक्रिया
कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सभी को शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रदर्शन करने की अनुमति दी है लेकिन यह भी स्पष्ट किया है कि अगर निर्माण अवैध पाया जाता है तो उस पर उचित कार्रवाई की जाएगी। मंत्री ने सभी की भावनाओं की कद्र करते हुए कहा कि सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से ले रही है और इसे हल करने के लिए आवश्यक कदम उठाएगी।
आगे की दिशा
संजौली मस्जिद में अवैध निर्माण और इसके परिणामस्वरूप उत्पन्न विवाद ने शिमला में अवैध निर्माण की समस्या को एक बार फिर उजागर किया है। इससे यह स्पष्ट होता है कि अवैध निर्माण के मामलों की त्वरित और प्रभावी जांच की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसे विवादों से बचा जा सके और शहर की संरचनात्मक अखंडता को बनाए रखा जा सके।