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देश के pm नरेंद्र मोदी बेहतर तकनिकी शिक्षा के लिए अलख जगा रहे है मन की बात में भी कई बार वे तकनिकी शिक्षा से जुड़े पहलुओ पर अपनी राय रख चुके है लेकिन लगता है की pm मोदी के सपने से ३६ गढ़ के बालोद जिले के शासकीय आईटीआई के प्रिंसिपल का कोई सरोकार नहीं है उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता शिक्षा का स्तर ऊपर उठे या निचे गिरे तभी तो प्रिंसिपल साहब बियर के नशे में चूर है शिक्षा के मंदिर को मधुशाला बनाने में प्रिंसिपल साहब कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे है ये है बालोद शहर का शासकीय आई.टी.आई. यहाँ बच्चे पढ़ने आते है लेकिन यहाँ के प्रिंसिपल तो इस परिसर में कुछ और ही करने आते लेकिन यहाँ के प्रिंसिपल यहाँ शराब और बियर पीने आते है जरा गौर से देखिये इन तस्वीरों को जिसमे प्रिंसिपल साहबखुद बियर की बोतल पकड़े नजर आ रहे है ये देखिये ये बियर की खाली बोतल है ये इन्ही महाशय की है,,,और ये है यहाँ के रंगीन प्रिंसिपल डीएस रात्रे जो अभी नशे में चूर अपनी अलग ही दुनिया में जी रहे है उन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ रहा है कि मीडिया उनसे सवाल कर रही है वो नशे में चूर अपनी ही दुनिया में मशगूल है
शासकीय आईटीआई में प्रवेश लेने जब छात्र पहुंचे तो प्रिंसिपल को इस तरह नशे में धुत देखकर छात्र भी अचम्भे में पड़ गए प्रिंसिपल के द्वारा बगल में दबाकर बियर की बोतल लेट देख छात्राएं सहज ही पूछ उठी की क्या रखे है सर तब नशे की चरम स्तिथि को पार करते हुए प्रिंसिपल ने हवा में बियर की बोतल लहरा दी प्रिंसिपल साहब ने बोतल लहराई भी तो ऐसे जैसे कोई वीर योद्धा युद्ध में तलवारे लहराता है और युद्ध जितने की ख़ुशी मनाता है बोतल लहराते हुए कहा की मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता सच कह रहे है प्रिंसिपल साहब आप आपका कौन क्या बिगाड़ेगा ,बिगाड़ तो आप रहे है इस देश के इंजीनियरों का भविस्य बिगाड़ तो आप रहे है शिक्षा के मंदिर की मर्यादा को बिगाड़ तो आप रह है इस आईटीआई के अनुसाशन को सच बोल रहे है प्रिंसिपल साहब आपका कोई क्या बिगाड़ेगा!
३६ गढ़ में शिक्षा में मंदिरो में नशा खोरी की ये पहली घटना नहीं है इसके पहले भी कई जिलों से इस तरह की घटना सामने आ चुकी है लेकिन सरकार का उदासीन रवैया इन नशा खोर शिक्षकों का हौसला और बुलंद करता जा रहा है मामला सामने आने पर सरकार भी केवल कुछ दिनों के निलंबन की कार्यवाही कर के उन्हें छोड़ देती है जिसके बाद ये शिक्षक फिर अपनी पुरानी चाल में लौट आते है इतना सब कुछ होने के बावजूद उन्हें किसी बात का मलाल नहीं है उनसे पूछने पर की क्या उन्होंने विद्या के मंदिर में नशा किया है वो कहते है थोड़ी सी जो पीली है ……अगर ऐसे प्रचार्य स्टूडेंट्स को पढ़ाएंगे तो स्टूडेंट्स का क्या हाल होगा ये एक बडा सवाल है!