बलरामपुर..आपने भ्रष्टाचार के मामलों में कर्मचारियों पर तो त्वरित कार्यवाही देखा है..लेकिन अधिकारियों पर ऐसे मामलों में आपने कार्यवाही होते नही देखा होगा..और शायद देख भी ना पाए..ऐसा इसलिए क्योंकि अधिकारी वर्ग एक दूसरे को बचाने की जद्दोजहद में रहते में है..क्योंकि क्या पता कब किस पल कौन काम आ जाये..और इसी तरह का एक उदाहरण बलरामपुर जिले में भी देखने को मिला है..हालांकि सरगुजा कमिश्नर की जो चिट्ठी लिक हुई है..उसमें तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करने को सीईओ जिला पंचायत को आदेशित किया गया है..और सीईओ साहब ने उक्त चिट्ठी का जवाब आज एक महीने बाद दिया है..यानी आज कमिश्नर कार्यालय को तथ्यात्मक रिपोर्ट भेज दी गई है..
दरअसल जिले के वाड्रफनगर जनपद पंचायत क्षेत्र में ग्राम चपोता, ग्राम तुंगवा, ग्राम पेंडारी,में वर्ष 2014-15 व 2015-16 में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत डब्ल्यू बीएम सड़क,मिट्टी मुरम,पुल-पुलिया निर्माण के कार्य स्वीकृत किये गए थे..जिसका भुगतान भी 38 लाख 58 हजार 518 रुपये कर दिया गया था..लेकिन रोजगार गारंटी योजना के इन कार्यो को लेकर कलेक्टर से लेकर कमिश्नर तक को मामले की शिकायत की गई थी..तब तत्कालीन रामानुजगंज एसडीएम अजयकिशोर लकड़ा को उक्त शिकायत की जांच की जवाबदेही दी गई थी.और तत्कालीन एसडीएम ने जांच रिपोर्ट कलेक्टर बलरामपुर को सौंप दी थी..जिसके बाद कलेक्टर बलरामपुर ने कमिश्नर कार्यालय को जांच प्रतिवेदन भेजी थी..और उस जांच प्रतिवेदन में तत्कालीन वाड्रफनगर जनपद सीईओ एस के मरकाम,तत्कालीन प्रभारी सीईओ डिप्टी कलेक्टर ज्योति बी बैरागी व मनरेगा के तत्कालीन कार्यक्रम अधिकारी अश्वनी तिवारी को दोषी पाया गया था..
सरगुजा कमिश्नर ने अब इस मामले में 23 मार्च 2020को जिला पंचायत सीईओ को पत्र जारी कर ..मामले में क्या कार्यवाही अबतक की गई के सम्बंध में तथ्यात्मक रिपोर्ट अविलम्ब मंगवाई थी..लेकिन एक महीने गुजर गए..कमिश्नर कार्यालय को तथ्यात्मक रिपोर्ट ही उपलब्ध नही कराई गई..
वही इस पूरे मामले को लेकर जिला पंचायत सीईओ हरीश एस का कहना है..की उन्होंने आज ही तथ्यात्मक रिपोर्ट कमिश्नर कार्यालय को भेज दी है..और वही से यह खुलासा हो जाएगा कि ..की किस दोषी अधिकारी पर क्या कार्यवाही हुई..