बलरामपुर–(कृष्ण मोहन कुमार) जिला मुख्यालय में 10 करोड़ की लागत से बना गौरव पथ गारन्टी पीरियड में ही उखड़ने लगा है,गौरवपथ की स्थिति तो यह हो गई है,की नगर पालिका को सड़क की गुणवत्ता छिपाने कांक्रीट रोड पर डामर का लेप लगाना पड़ रहा है,और गौरव पथ की ऐसी स्थिति से यह सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है कि गौरवपथ में गुणवत्ता का किस तरह से ख्याल रखा गया होगा। विदित हो कि वर्ष 2012 में राजस्व जिले का दर्जा प्राप्त होने के बाद सूबे के मुखिया ने मुख्यालय में गौरवपथ निर्माण की घोषणा की थी,और 2016 में स्थानीय प्रशासन ने तत्कालीन कलेक्टर के मार्गदर्शन में गौरवपथ निर्माण की कवायद तेज हो चली थी, संभाग मुख्यालय से झारखण्ड की सीमा को जोड़ने वाली राष्ट्रीय राजमार्ग 343 पर गौरवपथ बनाने की सहमति बनी, उसके बाद से ही जिला मुख्यालय के गौरवपथ का मसला राज्य विधान सभा मे गुंजा तथा तमाम विवादों के बाद गौरवपथ बनकर तैयार हो गया, लेकिन वर्तमान समय मे गौरवपथ की स्थिति यह है कि सड़क उखड़ने लगा है,और कांक्रीट ढलाई के नीचे लगा हुआ छड़ बाहर निकल कर बाहर आने लगा है। वही गौरवपथ पर रोजाना सैकड़ो वाहन का परिचालन होता है, और उक्त सड़क पर कांक्रीट के नीचे से ऊपर झांकते छड़ के चलते कभी भी किसी प्रकार की अप्रिय घटना घटित हो सकती है और इस सम्भावना से इनकार नही किया जा सकता है।
लापरवाही की भेंट चढ़ा….गौरवपथ
गौरवपथ की निर्माण प्रक्रिया भारी विवादों के बीच हुआ,और इस विवादास्पद स्थिति में ही कंट्रक्शन कम्पनी ने अपना कार्य शुरु किया,लेकिन उक्त निर्माण कार्य से सम्बंधित तकनीकी अधिकारियों ने गौरवपथ निर्माण की गुणवत्ता को बारीकी से समझने की जहमत तक नही की,इसी का परिणाम है,की गारंटी पीरियड में ही गौरवपथ धरासायी होने की ओर तेजी से अग्रसर होते जा रहा है।
रोका गया भुगतान
वही जब इस सम्बन्ध में हमने नगर पालिका सीएमओ दीपक एक्का से बात की तो उन्होंने बताया की गौरवपथ में उखड़े स्थानों को मरम्मत करने के आदेश कंट्रक्शन कम्पनी को दे दिये गए है, और गौरवपथ की अंतरिम भुगतान राशि नगर पालिका द्वारा रोक दी गई है।