ब्रेकिंग: नवागढ़ में एसडीएम कार्यालय खोलने की मांग को लेकर अधिवक्ता दी मुख्यमंत्री निवास पर आत्मदाह की चेतावनी… लंबे समय से चल रहा हैं मांग…प्रशासन अलर्ट..

जांजगीर चांपा – मध्यप्रदेश शासन काल के समय से विकासखंड व तहसील बने नवागढ़ को राजस्व अनुविभाग बनाए जाने में हो रही उपेक्षा के ले विरोध में सीनियर अधिवक्ता ने सीएम हाउस के सामने आत्मदाह करने की चेतावनी दी है। इसके बाद पुलिस व प्रशासनिक अमला भी सकते में आ गया है। दरअसल बीते दिसंबर महीने में शासन द्वारा के राजपत्र में शिवरीनारायण को राजस्व अनुविभाग बनाए जाने सूचना प्रकाशित की गई, जिसमें नवागढ़ को सम्मिलित किया गया है। जबकि 30 साल पुरानी तहसील नवागढ़ को राजस्व अनुविभाग बनाए जाने की मांग सालों से होते आ रही है।

ब्लॉक एवं तहसील मुख्यालय नवागढ़ के वरिष्ठ अधिवक्ता भी पीतांबर केशरवानी ने इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार नवागढ़ को ज्ञापन सौंपा है। सौंपे गए ज्ञापन में उन्होंने राजस्व विभाग बनाने में नवागढ़ की हो रही उपेक्षा को लेकर 26 फरवरी को राजधानी रायपुर में मुख्यमंत्री निवास के सामने आत्मदाह करने की चेतावनी दी है। इसका कारण उन्होंने राजस्व विभाग बनाए जाने में नवागढ़ की हो रही उपेक्षा को बताया है। अपने ज्ञापन में अधिवक्ता केशरवानी ने कहा है कि नवागढ़ अविभाजित जांजगीर चांपा जिले का ना ध केवल सबसे बड़ा विकासखंड है, बल्कि 30 साल पुरानी तहसील भी है, जिसमें शिवरीनारायण भी शामिल था। इसे मध्यप्रदेश शासन काल में वर्ष 1997 में तहसील बनाया गया है। इसके बाद अभी 3 साल पहले वर्ष 2019 में नवागढ़ से अलग करके शिवरीनारायण को तहसील बनाया गया है।

खास बात यह है कि नवागढ़ में एसडीएम का लिंक कोर्ट वर्ष 2008 से संचालित है और यहां एसडीएम कार्यालय खोलने की मांग सालों से हो रही है, परंतु क्षेत्र वासियों की जन भावनाओं को दरकिनार करके राज्य शासन द्वारा शिवरीनारायण को राजस्व अनुविभाग बनाए जाने की घोषणा वर्ष 2022 में की गई है। इसके बाद 26 दिसंबर 2022 को राजपत्र में प्रकाशित सूचना में प्रस्तावित नवीन उपखंड शिवरीनारायण में नवागढ़ को सम्मिलित करने की जानकारी दी गई है। इसको लेकर विरोध शुरू हो गया है।

अधिवक्ता केशरवानी ने बताया कि अधिवक्ता संघ द्वारा 22 मई से 13 जून तक आंदोलन भी किया गया था, वहीं शासन स्तर पर कोई सुनवाई नहीं होने पर उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर अब आत्मदाह करने का निर्णय लिया है। उन्होंने 16 फरवरी को मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा, जिसमें 26 फरवरी को राजधानी रायपुर में मुख्यमंत्री निवास के सामने आत्मदाह करने की चेतावनी दी गई है। ज्ञापन की प्रति और इस चेतावनी को सोशल मीडिया फेसबुक पर भी वायरल किया गया है। इधर वरिष्ठ अधिवक्ता द्वारा सीएम हाउस के सामने आत्मदाह करने की चेतावनी के बाद पुलिस व प्रशासनिक अमला भी अलर्ट हो गया है।