जांजगीर-चांपा। छत्तीसगढ़ प्रदेश में जांजगीर-चांपा जिले की तासीर पूरे सबसे अलग है। सबसे बड़ी चुनौती यहां पुलिस अधीक्षक को लॉ एंड ऑर्डर के साथ साथ जुआ, चोरी, सट्टा को रोकने की होगी। वही इससे भी कठिन काम भूपेश एवं महंत समर्थकों में सामंजस्य बनाना हो सकता है। क्योंकि जांजगीर-चांपा जिले में छत्तीसगढ़ के विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत की चलती चलवा के होने के कारण भूपेश समर्थकों में नाराजगी देखने को मिलती है। दोनो नेताओं के समर्थक का वैध हो या अवैध काम लेकर एक दुसरे का हमेशा शिकायत करते रहते है। जिसके चलते बीच में अधिकारी पीस जाते हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत के रजामंदी में तालमेल बैठाकर नए पुलिस अधीक्षक को काम करना होगा। किसी एक नेता को खुश करने के चक्कर में यहां के अधिकारी कई बार मुसीबत में फंस जाते हैं। ऐसे कई उदाहरण देखने को यहां मिले हैं। हालांकि उनका जिक्र करना यहां ठीक नहीं होगा। यहां की जनता सब जानती है। कई बार उच्च अधिकारियों को मुसीबतों का सामना करना पड़ा है। जिले में लंबे समय से काम करने के लिए दोनो नेताओ के हाँ में हाँ मिलाना होगा। किसी एक के तरफ झुकाव बढ़ाने से काम करने में बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि जिले की तासीर यही है। जिले में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं डॉ चरणदास महंत के समर्थक आपस में बटे हुए है, गुटबाजी चरम पर है एक दूसरे के खिलाफ शिकवा शिकायत लेकर अपने नेताओं तक पहुंचते हैं। अपने काम को लेकर अधिकारियों पर दबाव बनाने की कोशिश यही छूट भैया नेता करते हैं। जिसके चलते अधिकारियों को यहां फ्री हैंड काम करने का मौका नहीं मिलता। जिसके चलते हमेशा अधिकारी पीसे जाते हैं। वही समय में कई छूट भैया नेता अपने पहुंच एवं अपने नेताओं का धौंस जमाकर अधिकारियों के पास गलत काम करवाने को लेकर दबाव बनवाते है, और दफ्तर पहुंच जाते हैं। इन छूटभैया नेताओं का नहीं सुनने पर अपने नेताओं से फोन करवा कर दबाव बनाने की कोशिश करते हैं । इसको लेकर अधिकारियों में असमंजस की स्थिति बनी रहती है। अब देखना होगा कि नए पुलिस अधीक्षक इन दोनों नेताओं के समर्थकों के बीच किस तरह तालमेल बना कर काम करते है।