नई दिल्ली. राष्ट्रीय दवा नियामक ने 6 से 12 आयु वर्ग के बच्चों के लिए भारत बायोटेक की वैक्सीन कोवैक्सीन और अन्य वैक्सीन कॉर्बेवैक्स को 5 से 12 आयु वर्ग के बच्चों के टीकाकरण में आपातकालीन उपयोग के लिए अपनी अनुमति प्रदान कर दी है. इस तरह 12 वर्ष और उससे कम आयु के बच्चों के लिए टीकाकरण का रास्ता साफ हो गया है. कोरोना की चौथी लहर की आशंकाओं के बीच इसे बड़ी राहत के तौर पर देखा जा रहा है. गौरतलब है कि 16 मार्च 2022 से देशभर में 12 से 14 साल के बच्चों को कोरोना का टीका लगना शुरू हो गया था. इस संबंध में पीएम मोदी ने खुद ट्वीट कर जानकारी दी थी कि अब 12 से 14 आयु वर्ग के युवा टीके के लिए पात्र हैं और 60 से ऊपर के सभी लोग एहतियाती खुराक के लिए पात्र हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया द्वारा प्रदान किए गए आंकड़ों के आधार पर आपातकालीन उपयोग की मंजूरी दी गई है. बीते मंगलवार को हुए फैसले के साथ ही भारत इस आयु वर्ग के लिए टीकाकरण शुरू करने से एक कदम दूर है. अब सवाल ये है कि अभी इसकी मंजूरी क्यों आई है? दरअसल रिसर्च के आधार पर चरणबद्ध तरीके से कोविड-19 के टीके जारी किए जा रहे हैं. पहले चरण में जहां स्वास्थ्यकर्मियों, अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ता और बुजुर्गों को वैक्सीन दी गई, वहीं बाद के चरणों में टीकाकरण के अभियान का विस्तार किया गया. जैसे-जैसे रिसर्च आगे बढ़ता गई, वैसे-वैसे विभिन्न आयुवर्गों के लिए टीके उपलब्ध होते गए. सरकार ने इस साल जनवरी में 15 से 18 आयु वर्ग के लिए और मार्च में 12 से 14 आयु वर्ग के लिए टीकाकरण की शुरुआत की थी.
कब से शुरू होगा टीकाकरण
नेशनल ड्रग रेगुलेटर के अनुमति के बाद अब इसे तीन सरकारी विशेषज्ञ निकायों के समक्ष रखा जाएगा. इनमें टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) शामिल है, जो वैज्ञानिक साक्ष्य की तकनीकी समीक्षा करके सरकार को टीकाकरण पर मार्गदर्शन प्रदान करता है. इसके बाद, नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन फॉर सीओवीआईडी -19 (एनईजीवीएसी) स्वास्थ्य मंत्रालय को अंतिम सिफारिश करेगा. अंतिम फैसला कुछ दिनों में आने की उम्मीद है.
भारत में इस आयु वर्ग के लिए कौन सा टीका उपलब्ध होगा, इस पर अंतिम निर्णय सरकार द्वारा अनुशंसित किया जाएगा. उदाहरण के लिए, सरकार केवल 12-14 आयु वर्ग के लोगों को ‘कॉर्बेवैक्स’ और 15-18 आयु वर्ग के लोगों को केवल ‘कोवैक्सीन’ लेने की अनुमति देती है. जायडस कैडिला की डीएनए वैक्सीन, जिसे 12 वर्ष और उससे अधिक आयु के बच्चों के लिए अनुमोदित किया गया है, उसे अभी तक टीकाकरण अभियान में उपयोग नहीं किया गया है.
रिसर्च में यह बात सामने आई है कि इन बच्चों के आयुवर्ग में एंटीबॉडी को बेअसर करना वयस्कों की तुलना में 1.7 गुना अधिक था. भारत बायोटेक ने कहा है कि कोवैक्सीन की 2 खुराक बच्चों में मजबूत इम्युन सिस्टम पैदा करता है. इस बारे में सीडीएससीओ (केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन) की विषय विशेषज्ञ समिति को रिपोर्ट सौंपा जा चुका है. वहीं कॉर्बेवैक्स को 2/3 परीक्षण के बाद सितंबर में मंजूरी मिली थी. अक्टूबर के बाद से इस पर लगातार अध्ययन चल रहा है. कंपनी का कहना है कि टीका बच्चों के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है.