@संजय यादव
जांजगीर चांपा। लोकसभा चुनाव में लिस्ट जारी होने के बाद बीजेपी प्रत्याशी कमलेश जांगड़े के आस पास विधानसभा चुनाव हारे नेता नजर आ रहे हैं. इनके बदौलत भारतीय जनता पार्टी लोकसभा चुनाव जितना चाह रही है. जिनका खुद का कोई जनाधार नहीं हैं.वे लोकसभा प्रत्याशी को जिताने में लगे हैं. बावजूद पार्टी उन्हें लोकसभा चुनाव जिताने की जिम्मेदारी दे रही हैं.कही पार्टी यह फैसला प्रत्याशी के लिए भारी न पड़ जाए।
लोकसभा में नाम आने के बाद प्रत्याशी जनसंपर्क में लग गए हैं. जनता के पास जाकर अपने जीत सुनिश्चित करने बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं. नरेंद्र मोदी की गारंटी के बदौलत अपनी नैया पार लगाने में लगे हुए हैं. लेकिन वह सबसे बड़ी गलती यह कर रहे हैं कि अपने आसपास विधानसभा चुनाव में हारे प्रत्याशियों को घुमा रहे हैं.जिनका जनता के बीच भारी विरोध है, जिसके चलते उन्हें विधानसभा में चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था. सक्ति, जैजैपुर, जांजगीर चांपा, पामगढ़, चंद्रपुर, अकलतरा सहित सभी 8 विधानसभा में बीजेपी की करारी हार हुई हैं. बाउजूद हारे हुए नेता के साथ बीजेपी लोकसभा प्रत्याशी का जनसंपर्क करना समझ से परे हैं.
बीजेपी जांजगीर चांपा लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज कराने जी तोड़ मेहनत करने वाली हैं. जीत दर्ज कराने अपनी रणनीति को बदलना होगा. लोकसभा प्रत्याशी को विधानसभा में हारे नेता से दूरी बनानी होगी.क्योंकि इनके कारण वोटरों का विरोध देखने को मिल रहा हैं. इसी वजह के चलते विधानसभा में जनता इन्हे नाकार दी हैं। जांजगीर चांपा लोकसभा क्षेत्र में 8 विधानसभा हैं जिसमे एक भी सीट में बीजेपी का खाता नहीं खुला हैं.अब लोकसभा में जीत दर्ज करने के लिए कमलेश जांगड़े का अपने बल बूते पर चुनाव प्रचार करना होगा.जिससे जनता उन्हें जान पहचान सके.क्योंकि बीजेपी प्रत्याशी श्रीमति कमलेश जांगड़े नई प्रत्याशी हैं.उन्हें सभी 8 विधानसभा में जनसंपर्क करना होगा।