@संजय यादव
जांजगीर चांपा। जांजगीर चांपा लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी ने कमलेश जांगड़े को प्रत्याशी बनाकर सबको चौंका दिया है. श्रीमति कमलेश जांगड़े भारतीय जनता पार्टी में महिला मोर्चा की अध्यक्ष हैं। एक बार वे जिला पंचायत का चुनाव हार चुकी हैं। बाऊजुद चुनाव हारने के बाद भी पार्टी ने उन्हें टिकट दिया हैं. जिसका विरोध दावेदारी करने वाले पार्टी के ही कार्यकर्ता कर रहे हैं।
कमलेश जांगड़े के अलावा गुरुदयाल पाटले, राजेश्वर पाटले, वेदराम मनहरे, नवीन मार्कंडेय, कमला पाटले, संतोष लहरे और अंबेश जांगड़े जैसे नाम यहां से आ रहे थे। लेकिन पार्टी ने कमलेश जांगड़े पर विश्वास जताया हैं. जिसके बाद पार्टी में विरोध शुरू हो गया हैं. अब अंदरूनी रूप से ये लोग पार्टी में अपनी बात पहुंचा रहे हैं.
दूसरी ओर चर्चा यह है कि जांजगीर लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता अलग अलग गुट में बटे हुए हैं. पूर्व सांसद कमला देवी पाटले, पूर्व नेताप्रतिपक्ष नारायण चंदेल, तो पूर्व संसदीय सचिव अंबेश जांगड़े का अलग ही गुट चलता हैं. जिसके चलते कार्यकर्ताओं में कई प्रकार की बात हो रही हैं.दूसरी ओर जांजगीर चांपा जिले में बीजेपी का क्या हाल है सबके सामने हैं, सभी 6 विधानसभा में कांग्रेसी विधायको का कब्जा हैं. ऐसे समय में गुटबाजी बीजेपी को भारी न पड़ जाए। जांजगीर चांपा लोकसभा में मौजूदा सांसद का निक्रियता का भी खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ेगा.क्योंकि बीजेपी सांसद गुहाराम अजगले से जनता नाराज हैं. अपने पांच साल के कार्यकाल में किसी प्रकार का उल्लेखनीय कार्य अपने संसदीय क्षेत्र में उन्होंने नहीं किया हैं. बीजेपी सांसद के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी को पार्टी कैसे मैनेज करती हैं यह आने वाला समय बता चल पाएगा. लेकिन शुरुआती दौर में ही नेताओं एवम कार्यकर्ताओं में बीच गुटबाजी पार्टी के लिए अच्छा नहीं हैं। क्योंकि जांजगीर चांपा जिले में इसके परिणाम भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा चुनाव में भुगते हैं।