मिशन 2023 : 75 पार के बावजूद कांग्रेस के पास इस जिले में नहीं एक भी सीट… बीजेपी के खाते में 2, तो बीएसपी 1 में जमाया कब्जा.. क्यो है इस जिले में कांग्रेस कमजोर…?

@संजय यादव

जांजगीर-चाम्पा। जांजगीर चांपा जिले में कांग्रेस पार्टी की कमजोरी का सबसे मुख्य वजह संगठन एवं नेताओं के बीच आपसी तालमेल नहीं बैठ पाना है. जिसके चलते कार्यकर्ता अलग-थलग दिखाई देते हैं, जिसका असर इन वक्त पर चुनाव में भी देखने को मिलता है. सत्ता में होने के कारण संगठन में जरूर गतिविधियां दिखती है लेकिन अंदरूनी गुटबाजी कूट-कूट कर भरी है. जांजगीर चांपा जिले की राजनीति सिर्फ एक ही नेता पर टिकी है जिसके चलते यहां भारी गुटबाजी देखने को मिलती है. क्योंकि उस नेता का दबदबा इस जिले में है इसलिए हर बड़े राजनीति निर्णय में उनकी भूमिका अहम होती है. जिसके चलते सिर्फ एक गुट ही यहां ज्यादा हावी दिखाई देता है. बाकी कार्यकर्ताओं की हमेशा उपेक्षा होते आया है. जिसके कारण पार्टी भी धीरे-धीरे कमजोर होते चली गई है. लेकिन भूपेश बघेल के मुख्यमंत्री बनने के बाद जिले का फ़िजा थोड़ा बदला- बदला सा नजर आता है. हालांकि 2018 में अविभाजित जांजगीर चांपा जिले में 6 विधानसभा था जिले में बीएसपी,कांग्रेस एवं भाजपा बराबर बराबर सीट लेकर चुनाव जीती थी. अब जांजगीर चांपा जिले से अलग होकर सक्ति जिला बन गया जिसमें तीन विधानसभा अलग हो गए. जांजगीर-चांपा जिले के खाते में एक भी सीट नहीं आया. अकलतरा एवं जांजगीर चांपा विधानसभा में बीजेपी तो पामगढ़ में बीएसपी का कब्जा रहा. विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा सीटें जीतने के बावजूद कांग्रेस पार्टी छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में एक भी सीट हासिल करने में विफल रही.भाजपा ने दो सीटें, जबकि बसपा ने एक सीट हासिल की थी. 2018 में बीजेपी पार्टी ने यहां 2 सीटों पर जीत हासिल की थी. वहीं बसपा को भी एक सीट मिली थी. खास बात यह है कि इस जिले में बसपा का अच्छा प्रभाव है, इसलिए वह कांग्रेस बीजेपी के खेल बिगाड़ने उनकी भूमिका अहम रहती है. अब 2023 का विधानसभा में चुनाव नजदीक है.जिले के बीएसपी ने अकलतरा एवं पामगढ़ विधानसभा में अपने प्रत्याशी के नाम की घोषणा कर दिया है जिसमें अकलतरा से विनोद शर्मा को मैदान में उतारा है तो पामगढ़ विधानसभा से मौजूदा विधायक इंदु बंजारे को फिर से मौका दिया है. हालांकि, 2013 में कांग्रेस ने यहां पर ठीक-ठाक प्रदर्शन किया था. बता दें कि अगले चुनाव में यहां पर अच्छा प्रदर्शन करने के लिए बीजेपी के साथ बसपा भी कांग्रेस पार्टी को चुनौती पेश करेगी. इसलिए अब देखना होगा कि इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस यहां पर कैसा परफॉर्म करती है. जिले में 2018 विधानसभा चुनाव के मुकाबले इस बार 2023 विधानसभा चुनाव में अलग ही नजारे एवं परिणाम देखने को मिलेंगे.

जांजगीर-चांपा जिले की वर्तमान स्थिति 2018
विधानसभा सीट- जांजगीर चाम्पा
विजेता: नारायण चंदेल (BJP)
प्राप्त वोट: 54,040
मुख्य प्रतिद्वंदी: मोतीलाल देवांगन (INC)
प्राप्त वोट: 49,852
वोटों का अंतर : 4188