अम्बिकापुर.. छत्तीसगढ़ के बस्तर में जून 2012 में हुए सारकेगुड़ा कांड की न्यायिक जांच रिपोर्ट आने के बाद प्रदेश का सियासी पारा एक बार फिर गर्म हो गया है..और अब इस घटनाक्रम के दोषियों पर मामला दर्ज करने को लेकर नगरीय निकाय चुनाव के माहौल में जुबानी जंग छिड़ गई है..
बता दे कि जून 2012 में नक्सल प्रभावित बस्तर के बीजापुर जिले के बासागुड़ा थाना क्षेत्र के सारकेगुड़ा गांव में बीज पंडुम त्यौहार मनाने के लिए एकत्र हुए ग्रामीणों पर पुलिस ने फायरिंग की थी..और इस अप्रत्याशित घटना में ग्रामीणों की मौत भी हुई थी..जिसके बाद इस घटना को पुलिस नक्सली मुठभेड़ करार दिया गया था..और उस दौर में प्रदेश में विपक्ष की भूमिका में रहे कांग्रेस ने इस मुठभेड़ को फर्जी करार देते हुए ..तत्कालीन रमन सरकार से घटना की जांच की मांग की थी..
वही रमन सरकार ने इस घटना के न्यायिक जांच के निर्देश दिए थे..और लगभग 8 साल बाद न्यायिक जांच आयोग की रिपोर्ट आयी.. तब प्रदेश की सत्ता में कांग्रेस है..लिहाजा दोषियों पर कार्यवाही की मांग अब तेजी से उठने लगी है..
इसके अलावा सूबे के स्वास्थ्य मंत्री ने भी आज इस घटना को लेकर कहा है .की जो अधिकारी दोषी है..उन पर तो कार्यवाही होगी..इसके साथ ही एक कप्तान के रूप में इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन भी दोषी है..स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि बीजापुर जिले के सारकेगुड़ा में जो अर्धसैनिक बल भेजे गए थे..उनके द्वारा हद से ज्यादा बल प्रयोग किया गया..और जांच रिपोर्ट से यह स्पष्ट हो गया है..की पुलिस के समक्ष किसी प्रकार गोलीबारी हुई ही नही थी..