
जांजगीर-चांपा । जाज्वल्यदेव लोक महोत्सव एवं एग्रीटेक कृषि मेला को अब ग्रहण लग गया है.निकाय एवं त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के कारण इस बार जिला मुख्यालय में यह कार्यक्रम नहीं हो पाया. हालांकि अभी भी समय है. जिला प्रशासन के पास अगर इच्छा शक्ति मजबूत तो यह कार्यक्रम कराया जा सकता है।
रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों सहित गीत संगीत प्रस्तुतियों के साथ छत्तीसगढ़ की संस्कृति एवं परंपरा को सहजने का यह अच्छा मंच था. इस महोत्सव के माध्यम से जिला दिनोदिन कृषि के क्षेत्र में उन्नतशील होने जा रहा था, जिसकी पहचान राज्य में ही नहीं बल्कि पूरे देश में है। जाज्वल्य देव महोत्सव एवं एग्रीटेक कृषि मेला का महत्व प्रतिवर्ष बढ़ता जा रहा था। महोत्सव के माध्यम से छत्तीसगढ़ की संस्कृति,परम्परा को सहेजने के साथ ही देश,विदेश में जिले की पहचान दिलाने का काम बेहतर माध्यम था। महोत्सव में विभागीय प्रदर्शनी के साथ बीते वर्षां की उपलब्धियों तथा शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं को बताने का आसान माध्यम भी यह मेला था। महोत्सव के माध्यम से स्थानीय कलाकारों को मंच देने के साथ ही राज्य स्तरीय कलाकारों के माध्यमों से लोक संस्कृति को संरक्षित करने के साथ ही आगे बढ़ाने का काम किया जा रहा था. उन्नत तकनीक एवं कृषि से संबंधित जानकारी को देने के लिए किसानों को प्रशिक्षण दिए जाने देश के कृषि वैज्ञानिको को एग्रीटेक कृषि मेला में प्रशिक्षण देने के लिए आमंत्रित कर किसानों को कृषि के बारे में नई तकनीक की जानकारी दिया जाता था लेकिन इस वर्ष यह महोत्सव नहीं हो पाया जिसको लेकर जिले के लोग दुखी हैं. अब सारे चुनाव संपन्न हो गए हैं,इसलिए अब इस महोत्सव को करने की जरूरत है.जिले के प्रतिनिधि एवं जिला प्रशासन चाहे तो अभी भी यह कार्यक्रम की तैयारी की जा सकती है जिले में बोर्ड एग्जाम भी अब संपन्न होने को है।