
जांजगीर चांपा। छत्तीसगढ़ विधानसभा में जांजगीर चांपा विधायक ब्यास कश्यप ने ध्यानाकर्षण के जरिए सिविल सर्जन दीपक जायसवाल पर कार्यवाही की मांग को लेकर स्वास्थ्य मंत्री को जमकर घेरा
स्वास्थ्य मंत्री पर चुटकी लेते हुए नेता प्रतिपक्ष डॉ चरण दास महंत ने कहा आप क्यों लड़ाई झगड़ा करवा रहे हो.
छत्तीसगढ़ विधानसभा में जांजगीर चांपा विधायक ब्यास कश्यप ने ध्यानाकर्षण के जरिए जिला अस्पताल जांजगीर के प्रभारी सिविल सर्जन द्वारा अधीनस्थ कर्मचारियों के साथ दुव्र्यवहार के मामले को उठाते हुए पूरे मामले में स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल को जमकर घेरा। मामले में स्वास्थ्य मंत्री द्वारा सिविल सर्जन का पक्ष लिए जाने पर जांजगीर चांपा विधायक ब्यास कश्यप ने उन्हें चेतावनी देते हुए यहां तक कहा कि भविष्य में वहां पर अव्यवस्था फैलेगी तो उसके लिए संपूर्ण जिम्मेदारी छत्तीसगढ़ सरकार और माननीय मंत्री महोदय की रहेगी। अगर पूरे कर्मचारी छोड़ कर जाते हैं तो उसकी पूरी जिम्मेदारी माननीय मंत्री महोदय की रहेगी।
जांजगीर चांपा विधायक ब्यास कश्यप ने ध्यानाकर्षण के जरिए सवाल उठाते हुए कहा कि जिला अस्पताल जांजगीर के कर्मचारी, नर्स एवं समस्त डाक्टर वहां पदस्थ प्रभारी सिविल सर्जन को हटाने की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं। जिला अस्पताल जांजगीर के स्टाफ एवं नर्सो सहित डॉक्टरों ने जिला कलेक्टर एवं डायरेक्टर से उक्त प्रभारी सिविल सर्जन की मनमानी एवं दुव्र्यवहार की शिकायत की है। अपनी शिकायत में उन्होंने कहा है कि उक्त प्रभारी सिविल सर्जन के द्वारा अस्पताल के स्टाफ एवं डॉक्टरो की सीआर खराब करने की धमकी दी जाती है। एक नर्स ने अपमान करने, एक नर्स ने एरियर्स राशि निकालने पर रूपये की मांग करने, एक कम्प्यूटर ऑपरेटर से रूपये की मांग करने, एक कर्मचारी की बीडीएम अस्पताल में संलग्रीकरण करने, क्रय शाखा से बिना कलेक्टर की अनुमति खरीदी की शिकायत है। डॉक्टरों द्वारा ओपीडी का बहिष्कार कर दिया गया है इससे जिला अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था बुरी तरह से चरमरा गई है। मरीज परेशान हैं। उक्त प्रभारी सिविल सर्जन की योग्यता पर भी डॉक्टरों के द्वारा सवाल उठाया गया है कि उनकी योग्यता सिविल सर्जन पद के अनुरूप नहीं है। प्रभारी सिविल सर्जन को जिला अस्पताल जांजगीर से नहीं हटाने के कारण जिला अस्पताल जांजगीर के स्टाफ एवं नर्सो सहित डॉक्टरों में शासन प्रशासन के प्रति रोष एवं आक्रोश व्याप्त है। जिसके जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने उक्त सिविल सर्जन के विरूद्ध कलेक्टर एवं डायरेक्टर से शिकायत होने की बात स्वीकार करते हुए कलेक्टर द्वारा 5 मार्च 2025 को जांच दल गठित करने तथा वर्तमान में जांच प्रक्रियाधीन होने की बात कही। वहीं संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं छ.ग. के पत्र दिनांक 11 मार्च 2025 के तहत विभागीय जांच टीम गठित करने, जांच टीम द्वारा 12 मार्च एवं 17 मार्च को दोनों पक्षों का बयान लेने और वर्तमान में जांच प्रक्रियाधीन होने तथा प्रतिवेदन प्राप्त होने के पश्चात शासन द्वारा संबंधितों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की बात कही।
जांजगीर चांपा विधायक ब्यास कश्यप ने आगे कहा कि वर्तमान में जिला अस्पताल जांजगीर में 100 बिस्तर का सेटअप है जिसमें 153 पद स्वीकृत है और वहां लगभग 100 की संख्या में कर्मचारी जैसे डॉक्टर नर्स एवं स्टाफ व अन्य कार्यरत है। इन मानव संसाधनों से वर्तमान में लगभग 180 से लेकर 500 ओपीडी है लेकिन वहां बिस्तर की व्यवस्था की जा रही है। वर्ष 2024 में प्रस्तुत सीएजी की रिपोर्ट में जिला अस्पताल में मानव संसाधनों की कमी का उल्लेख किया गया है इस रिपोर्ट के अनुसार जिला अस्पताल में पांच स्पेशलिस्ट 38 स्टाफ नर्स 17 पैरामेडिकल स्टाफ 19 मेडिकल अफसर उपलब्ध थे जबकि वर्तमान बिस्तर संख्या 200 बिस्तर के अनुसार मात्र 42 स्पेशलिस्ट 224 स्टाफ नर्स 80 पैरामेडिकल स्टाफ एवं 24 मेडिकल अफसर का सेटअप होना चाहिए। यहां नवंबर 2024 में नव पदस्थ प्रभारी सिविल सर्जन डॉक्टर दीपक जयसवाल जिनकी नियुक्ति वरीयता सूची के विरुद्ध की गई है यह मात्र एमबीबीएस पास आउट है और उन्होंने वर्ष 2016 में एमबीबीएस किया है। वहां पर 180 व 190 मरीज भर्ती हो रहे हैं लेकिन वह 100 बिस्तर अस्पताल है। वहां डॉक्टरों की कमी है नर्सो की कमी है एवं अन्य स्टाफ की कमी है इसके बावजूद भी वह दिन-रात मेहनत करके वहां पर काम करते हैं परंतु प्रभारी सिविल सर्जन के द्वारा धौंस दिखाना कर्मचारियों से दुव्र्यवहार करना, नर्सो से, स्टाफ के कर्मचारियों से तथा डॉक्टर से दुर्व्यवहार करना जो कि सिविल आचार संहिता के अंतर्गत उनसे कहीं अधिक योग्य हैं।
विधायक ने पूछा जांच के बाद भी आखिर क्यो नहीं हो रही कार्यवाही ?…
जांजगीर चांपा विधायक ब्यास कश्यप ने आगे कहा, एक लाइन की बात है जब 5 तारीख को हड़ताल की सूचना हो गई और जब जिला कलेक्टर से आवेदन करने के बाद वहां जांच हो गई, प्रदेश के अफसर के द्वारा भी वहां जाकर जांच की कार्यवाही की गई, उनकी आपस में बातचीत हो गई और इस मामले को विगत 15 दिन से अधिक दिन हो गए परंतु कार्यवाही नहीं होने का क्या कारण है एक कारण ही बताया जाता है जिसको मैं सदन में नहीं कहना चाहता हूं इसका अच्छे से जवाब आ जाए इसके बाद में आगे पूछूंगा।
इस पर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल बताया कि मामले में कलेक्टर द्वारा गठित जांच प्रारंभ होने तथा संचालनालय स्तर पर आने के बाद बीच में डॉक्टरों ने साइकिल स्टैंड पर ओपीडी भी लगाए जिससे सरकार की छवि भी धूमिल हुई। ऐसा लग रहा है यह मामला गंभीर है हमारे कमिश्नर हेल्थ और सचिव महोदय सहित मैने स्वयं ने इसे संज्ञान में लिया और 11 मार्च को जांच दल का गठन कर दिया तथा 12 मार्च को हमारे राज्य स्तर की जांच दल की टीम ने वहां जाकर बयान लिया क्योंकि सामने होली था तो पूरा बयान न होने से पुनरू 17 मार्च को वहां टीम गई तथा 17 मार्च को टीम बयान लेकर वापस आई है इस पर सचिव के माध्यम से जल्द ही रिपोर्ट आएगी और जो भी इसमें गड़बड़ी होगा, ऐसा लगता है कि इसमें किसी प्रकार से पक्षपात किया जा रहा है या कोई टार्चर किया जा रहा है तो दोनों पक्ष का इसमें बयान लिया गया है, जो भी होगा इसमें सरकार निश्चित रूप से कार्यवाही करेगी।
एक व्यक्ति से स्टाफ परेशान है मंत्री जी सिविल सर्जन को बचाने का प्रयास क्यों कर रहे हैं?…
ध्यानाकर्षण चर्चा में विधायक ब्यास कश्यप ने आगे कहा मैं व्यक्तिगत रूप से उनसे (स्वास्थ्य मंत्री से) आग्रह भी किया था, मैंने किसी के लिए कार्यवाही की बात नहीं की थी कि आप कार्यवाही करें, कम से कम व्यवस्था को सुधार दीजिए।
इस पर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा यह व्यवस्था सुधारने के चलते ही हुआ था, अब यह घटना इसलिए हुआ कि जो वहां सीएस है वह व्यवस्थाओं को सुधारना चाहता है कहते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने सीएस के पक्ष में तर्क दिए जिस पर जांजगीर चांपा विधायक ब्यास कश्यप ने कहा, सभापति महोदय जिस प्रकार से मंत्री महोदय यह आरोप लगा रहे हैं कि वहां की नर्स वहां के स्टाफ के अन्य कर्मचारी काम नहीं कर रहे हैं, जब 10 दिनों में डॉक्टर की 5066 ओपीडी हो रही है तो क्या यह ओपीडी सिविल सर्जन देख रहे हैं या डॉक्टर देख रहे हैं, वहां पर पर्याप्त काम हो रहा है। मैंने अवगत कराया की 100 बेड के हिसाब से वहां 47 स्टाफ की आज भी कमी है 190 से अधिक लोग वहां पर बेड की व्यवस्था कर रहे हैं, काम अधिक कर रहे हैं पर अगर किसी एक व्यक्ति से नाराजगी रहती तो समझ में आता है। एक व्यक्ति से स्टाफ परेशान है मंत्री जी सिविल सर्जन को बचाने का प्रयास क्यों कर रहे हैं ?
विधायक ब्यास कश्यप ने कहा अगर आपको व्यवस्था खराब करनी हो तो आप जिला चिकित्सालय जांजगीर का पूरा स्टाफ हटा दीजिए या जितने लोग लामबंद होकर प्रदेश के वरिष्ठ लोग भी कूद गए हैं। या तो डॉक्टर, नर्स, कर्मचारी हटा दीजिए या सिविल सर्जन को हटा दीजिए, जिनकी लंबी शिकायत है उनके खिलाफ आर्थिक अनियमित की भी शिकायत है उनको हटा दीजिए।
कलेक्टर मेरा मित्र,स्वास्थ्य मंत्री मेरा रिश्तेदार कहकर डाला जाता है दबाव…
विधायक ब्यास कश्यप ने आगे कहा कि वहां उनकी लगातार मनमानी चल रही है, जिन्होंने कहा है कि 15 प्रतिशत तक, आप देखिएगा कि वहां गंभीर मरीजों को रेफर नहीं ले रहे हैं। वहां पर 5 महीने में 161 मरीजों ने दम तोड़ा है। आप दबाव पूर्वक कर्मचारियों से काम कराना चाहते हैं क्या ? यह गंभीर विषय है । वहां का सिविल सर्जन बोलता है कि कलेक्टर मेरा मित्र है, स्वास्थ्य मंत्री मेरा रिश्तेदार है ऐसा करके दबाव डाला जाता है। सरकार की ओर से यह बात नहीं आ पाती कि एक को बचाने के लिए सब लोगों के खिलाफ दुर्भावना पूर्वक कार्रवाई करने की बात मंत्री महोदय कर रहे हैं, यह उचित बात नहीं है ।
इस पर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि यहां से डायरेक्टर हेल्थ और सचिव को निर्देश देता हूं कि इसकी रिपोर्ट 7 दिन के अंदर प्रस्तुत करें और 7 दिन के अंदर जो भी गड़बड़ी कर रहे हैं शासन की छवि धूमिल कर रहे हैं उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही किया जाए यह ऐलान करता हूं । इस पर जांजगीर चांपा विधायक ब्यास कश्यप ने कहा, सभापति महोदय शासन उनका है वह जो कराना चाहते हैं वे करें। भविष्य में वहां पर अव्यवस्था फैलेगी, उसके लिए संपूर्ण जिम्मेदारी छत्तीसगढ़ सरकार और माननीय मंत्री महोदय की रहेगी। अगर पूरे कर्मचारी छोड़ कर जाते हैं तो उसकी पूरी जिम्मेदारी माननीय मंत्री महोदय की रहेगी।
मंत्री जी दुर्भावना पूर्वक जवाब दे रहे हैं उनको बचाने के लिए जवाब दे रहे हैं।
वह भी आपका रिश्तेदार बन चुका इसलिए कलेक्टर एसपी सब लोग डरते होंगे…
नेता प्रतिपक्ष डा. चरण दास महंत ने कहा, सभापति जी आप देख रहे हैं माननीय विधायक जी बहुत आक्रोशित है बहुत दुखी है और यह भी हो सकता है कि जाने के बाद उनको अपने क्षेत्र में कुछ तड़ी भी पड़ जाए। माननीय मंत्री जी प्रभारी सिविल सर्जन का गुणगान कर रहे ह,ैं जैसा कि मैं सुन रहा हूं। लोग यह भी कह रहे हैं, आप मत मानिए मगर जो जात समाज का आदमी हमारे क्षेत्र में काम करता है वह हमारा रिश्तेदार बन ही जाता है वह भी आपका रिश्तेदार बन चुका है इसलिए स्वाभाविक है कलेक्टर एसपी सब लोग डरते होंगे। चांपा और जांजगीर में ज्यादा दूरी नहीं है मात्र 6 किलोमीटर का अंतर है वह भी इनका क्षेत्र है और समझ लीजिए कि मेरा भी क्षेत्र आता है तो अगर इतना आक्रोश उस व्यक्ति के खिलाफ है तो उसे 6 किलोमीटर दूरी पर पदस्थ कर दीजिए ताकि आप भी बदनामी से बच जाए और उनकी भी इज्जत बच जाए। जिस पर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने सिविल सर्जन का पक्ष लेते हुए बीडीएम हॉस्पिटल चांपा में उनके द्वारा अच्छा काम किए जाने की बात कही तो नेता प्रतिपक्ष डॉ चरण दास महंत ने कहा वहां पहले पदस्थ था उन्होंने बहुत अच्छा काम किया है, पास में ही है उसे वहीं पर रहने देते, आप क्यों लड़ाई झगड़ा करवा रहे हैं। इस पर श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा, नहीं वह सरगुजा से आया, अभी उसको भी कर रहे हैं उसके अंदर में वह भी आता है उसी का ही विंग है। मंत्री के द्वारा संचालक हेल्थ एवं सचिव को निर्देशित करते हुए 7 दिवस के भीतर रिपोर्ट मांगी गई है।