दीवारों पर नेताओं की दावेदारी(@ संजय यादव)…जांजगीर-चांपा जिले से सक्ती अलग हो जाने के बाद 3 विधानसभा ही हैं। जांजगीर- चांपा, पामगढ़ एवं अकलतरा विधानसभा 2023 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए नेताओं ने चुनाव की तैयारी शुरू कर दी हैं। नेताओं द्वारा अपने दावेदारी का प्रमाण दीवारो पर वॉल पेंटिंग करके दे रहे हैं। भले ही विधानसभा चुनाव में उनको टिकट मिले या ना मिले लेकिन अपनी दावेदारी मजबूत बनाने के लिए जनसंपर्क के साथ-साथ दीवारों पर अपने नेताओं का नाम हैं, और अपना नाम पेंटिंग कराकर लोगों को यह जताने की कोशिश कर रहे हैं कि, वह दावेदारी लाइन में हैं। इस तरह जिले में देखा जा रहा हैं कि, तीनों विधानसभा में दर्जनों दावेदार सामने आ रहे हैं। बीजेपी हो या कांग्रेस बीएसपी हो या आप पार्टी सभी दल के नेता अभी से विधानसभा चुनाव की तैयारी में लग गए शुरुआती दौर में दीवारों पर वॉल पेंटिंग करके अपने दावेदारी दिखाना शुरू कर दिए हैं।
जांजगीर चांपा विधानसभा कांग्रेस पार्टी में दावेदारों की लंबी लिस्ट…
जांजगीर-चांपा विधानसभा में जनता पुराने उम्मीदवारों से रुष्ट है। नए चेहरे की तलाश में वोटर उम्मीद लगाए बैठे हैं। विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी से दावेदारों की लंबी लिस्ट देखी जा रही हैं। सबसे मजबूत दावेदारों में युवाओं की पहली पसंद इंजी. रवि पांडेय की स्थिति मजबूत लग रही हैं। वही दूसरे पोजीशन में मंडी अध्यक्ष ब्यास कश्यप नजर आ रहे हैं। पूर्व जिला पंचायत सदस्य दिनेश शर्मा भी लाइन में हैं। पूर्व विधायक एवं गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत रामसुंदर दास का नाम सुनने को मिल रहा हैं। जो बाहरी होने के बाउजूद जांजगीर चांपा विधानसभा में घुसपैठ करने की कोशिश में लगे हुए लेकिन जनता भी समझ रही हैं कि, बाहरी उम्मीदवारों से किसी प्रकार की रिश्ता रखने के बाद क्या अंजाम भुगतने पड़ते हैं। अब उनकी दखलअंदाजी से जनता नाराज हैं। क्योंकि बाहरी लोगों को जनता सिरे से नकारने का मन बना ली हैं।
छत्तीसगढ़ में आप पार्टी की धमक…
आने वाला 2023 विधानसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ में इस बार आप पार्टी की धमक सुनने को मिल रही हैं।पार्टी के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता धीरे-धीरे बूथ लेवल से लेकर ब्लॉक, जिला तक घुसपैठ कर चुके हैं। वही जनता की नब्ज टटोलने में लगे हैं। आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी जनता के हर उस जरूरत एवं समस्याओं से अवगत हो रहे हैं, एवं समय-समय पर प्रदर्शन आंदोलन भी कर रहे हैं, और अपनी जमीन छत्तीसगढ़ में मजबूत करने के फिराक में हैं। वही आने वाले समय में आप पार्टी पूरे 90 विधानसभा में अपने उम्मीदवार उतारने की तैयारी में हैं। हो सकता हैं कि, इस बार छत्तीसगढ़ में आप पार्टी का भी खाता खुल जाए।
अकलतरा विधानसभा में बीजेपी,कांग्रेस,बीएसपी से आगे आप…
वर्तमान समय में देखा जा रहा हैं कि, अकलतरा विधानसभा से बीजेपी, कांग्रेस एवं बीएसपी से आगे आम आदमी पार्टी निकल गई हैं। पार्टी के कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी वोटरों की जड़ तक पहुंच गए हैं। वहीं सरकार एवं पूर्व सरकार के नाकामियों को गिनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। बूथ से लेकर ब्लॉक स्तर तक के पदाधिकारी का गठन के साथ-साथ वरिष्ठ नेताओं का दौरा शुरू हो गया हैं। वहीं दिल्ली एवं पंजाब के सांसद, विधायक यहां आकर अपनी जमीन मजबूत कर रहे हैं। ये भी हो सकता हैं कि, आने वाले विधानसभा में यहां आप पार्टी का खाता खुल जाए। ऐसे भी अकलतरा विधानसभा की जनता प्रयोग करने में माहीर हैं।
जिले के तीनों विधानसभा में बीजेपी कमजोर.…
वर्तमान की स्थिति को देखे तो जांजगीर-चांपा जिले के पामगढ़, अकलतरा, जांजगीर चांपा विधानसभा में बीजेपी कमजोर दिख रही हैं। यही हाल आगे भी रहा तो अपनी दोनों सीट गंवा सकती हैं। ऐसे भी 2018 चुनाव में अकलतरा, जांजगीर विधानसभा की जीत की परसेंटेज काफी कम रही हैं। जीत का अंतर अकलतरा से 18 सौ के आसपास तो जांजगीर चाम्पा से 45 सौ के आसपास रही हैं। दूसरी बात एंटी कन्विंसिंग सबसे मुख्य वजह हो सकती हैं। सत्ता से दूर दोनों विधायक के निर्वाचन क्षेत्र में कुछ खास काम होते नहीं दिख रहा है। जनता अपने विधायक से यही उम्मीद रखती हैं कि, जनता के विश्वास पर खरा उतरे और उसके लिए काम करें। लेकिन, इन दोनों विधानसभा में ऐसा कुछ नहीं दिख रहा हैं। जनता दोनों जगह बदलाव चाह रही हैं।
सक्ती जिला कार्यकारिणी विवादों में …
छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के अनुमोदन पर जिला कांग्रेस कमेटी सक्ती का कार्यकारिणी घोषणा के बाद विवादों में आ गया हैं। यहां मौजूदा पदाधिकारियों के अपराधिक गतिविधियों में संलिप्तता होने के बावजूद भी उन्हें पद दिया गया हैं। जिसके चलते कांग्रेस पार्टी की छवि को खराब हुई हैं। वही विधायक के ऊपर भी अब उंगली उठना शुरू हो गया हैं। सक्ती विधायक के करीबी जो ज्यादातर पदाधिकारी हैं। उनका नाम अपराधिक गतिविधियों में लगातार सामने आने के बाद जिला कार्यकारिणी जगह दिया गया हैं। जिससे कार्यकर्ता नाराज हैं। जिसके चलते अब विवाद और बढ़ गया हैं। कार्यकर्ता इसका विरोध खुलकर कर रहे हैं। वही प्रदेश अध्यक्ष से भी इसकी शिकायत की गई हैं। बाउजूद अभी भी वह अपने पद पर बने हुए हैं। अब इसका दुष्परिणाम आने वाला विधानसभा में जरूर देखने को मिलेगा।